BYJU's के फाउंडर, पत्नी और शीर्ष सहयोगी पर अमेरिकी कर्जदाताओं ने ठोका मुकदमा, 533 मिलियन डॉलर गायब करने का आरोप10 Apr 25

BYJU's के फाउंडर, पत्नी और शीर्ष सहयोगी पर अमेरिकी कर्जदाताओं ने ठोका मुकदमा, 533 मिलियन डॉलर गायब करने का आरोप

10 अप्रैल 2025 (UNA) : भारत की मशहूर एडटेक कंपनी BYJU’s एक बार फिर विवादों के केंद्र में है। इस बार अमेरिका के कर्जदाताओं ने कंपनी के संस्थापक बायजू रवींद्रन, उनकी पत्नी दिव्या गोकुलनाथ और एक वरिष्ठ अधिकारी के खिलाफ यूएस बैंकरप्सी कोर्ट (दिवालियापन न्यायालय) में व्यक्तिगत जिम्मेदारी तय करने की मांग करते हुए नया मुकदमा दायर किया है

यह मुकदमा डेलावेयर के विलमिंग्टन शहर की अदालत में बुधवार को दर्ज किया गया, जिसमें कर्जदाताओं ने दावा किया कि रवींद्रन और उनकी कंपनी ने जानबूझकर $500 मिलियन (लगभग ₹4,200 करोड़) की लोन की राशि को गायब किया या गलत तरीके से ट्रांसफर किया, जिससे कर्जदाताओं को भारी नुकसान हुआ।

न्यायालय का सख्त रुख

इस मामले में पहले भी दो अमेरिकी दिवालियापन न्यायाधीशों ने कर्जदाताओं के पक्ष में फैसला सुनाया है। उन्होंने माना कि BYJU’s की मूल कंपनी थिंक एंड लर्न (Think & Learn Pvt. Ltd.), जिसे आमतौर पर BYJU’s कहा जाता है, और रवींद्रन के भाई ने फिड्यूशियरी ज़िम्मेदारियों का उल्लंघन किया है। उन्होंने गलत तरीके से यह राशि उन कर्जदाताओं से दूर ट्रांसफर कर दी, जो $1.2 बिलियन (लगभग ₹10,000 करोड़) के डिफॉल्टेड लोन की वसूली की कोशिश कर रहे थे।

फंड छुपाने के लिए हेज फंड का सहारा

अमेरिकी दिवालियापन न्यायाधीश जॉन डोर्सी ने फरवरी में अपने फैसले में कहा कि BYJU’s ने इस रकम का एक हिस्सा मायामी स्थित एक छोटे हेज फंड में ट्रांसफर किया ताकि कर्जदाताओं की पहुंच से यह राशि बाहर रहे। यह कदम उन्होंने जानबूझकर उठाया, जो धोखाधड़ी की श्रेणी में आता है।

अब नए मुकदमे में रवींद्रन, उनकी पत्नी दिव्या और एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी को इस लंबे समय से चल रहे कानूनी विवाद में व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार ठहराने की मांग की गई है। - UNA

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राजस्थान के रणथम्भोर में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक 7 साल का बच्चा अपने परिवार के साथ रणथम्भोर मंदिर में पूजा करने गया था। पूजा के दौरान, अचानक एक बाघ ने उस पर हमला कर लिया और उसे खा गया। यह घटना परिवार के लिए एक भारी सदमा बनी हुई है। घटना के बाद पुलिस और वन विभाग की टीम ने शव का पोस्टमॉर्टम कराया और सभी कानूनी प्रक्रियाओं के बाद शव को परिवार के हवाले कर दिया। यह घटना वन्यजीवों और मानवों के बीच बढ़ते संघर्ष को उजागर करती है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां बाघ और अन्य जंगली जानवरों की संख्या अधिक है। इस घटना के बाद स्थानीय प्रशासन और वन विभाग द्वारा सुरक्षा उपायों को लेकर सवाल उठ रहे हैं।