नई दिल्ली, (UNA) : — भारत सरकार ने आज 'ऑपरेशन अभ्यास' नामक एक राष्ट्रव्यापी नागरिक सुरक्षा मॉक ड्रिल का आयोजन किया, जिसमें देश के 244 जिलों में एक साथ अभ्यास किया गया। इस अभूतपूर्व अभ्यास का उद्देश्य संभावित साइबर हमलों, प्राकृतिक आपदाओं और युद्ध जैसी स्थितियों के दौरान देश की तैयारियों का परीक्षण करना था। इस मॉक ड्रिल का समन्वय राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) ने गृह मंत्रालय के निर्देशन में किया।
ड्रिल के दौरान बिजली ग्रिड और संचार नेटवर्क को आंशिक रूप से बंद कर दिया गया, जिससे प्रतिभागी शहरों को बैकअप सिस्टम और आपातकालीन प्रोटोकॉल पर निर्भर रहना पड़ा। इस अभ्यास में अस्पतालों, परिवहन प्रणालियों और आवश्यक सेवाओं जैसी महत्वपूर्ण अवसंरचनाओं की दीर्घकालिक बिजली कटौती के दौरान लचीलापन और प्रतिक्रिया क्षमताओं का मूल्यांकन किया गया।
NDMA के प्रवक्ता, श्री राजेश कुमार, ने कहा, "इस अभ्यास का उद्देश्य हमारी मौजूदा प्रणालियों में कमजोरियों की पहचान करना और किसी भी संकट की स्थिति में प्रभावी प्रतिक्रिया देने की हमारी क्षमता को मजबूत करना था।" उन्होंने आगे बताया कि "वास्तविक स्थिति का अनुकरण करके, हमने आपदा तैयारी प्रोटोकॉल में सुधार के लिए महत्वपूर्ण अंतर्दृष्टि प्राप्त की है।"
अभ्यास के प्रमुख पहलुओं में शामिल थे:
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बैकअप पावर सिस्टम का सक्रियण: अस्पतालों, महत्वपूर्ण अवसंरचना सुविधाओं और सरकारी भवनों की बैकअप जनरेटर और अनइंटरप्टिबल पावर सप्लाई (UPS) पर तेजी से स्विच करने और संचालन बनाए रखने की क्षमता का मूल्यांकन किया गया।
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संचार प्रोटोकॉल: आपातकालीन संचार चैनलों की प्रभावशीलता का परीक्षण किया गया, यह सुनिश्चित करने के लिए कि महत्वपूर्ण जानकारी जनता और प्रतिक्रिया एजेंसियों के बीच प्रभावी ढंग से प्रसारित की जा सके, भले ही संचार नेटवर्क से समझौता हो गया हो।
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जन जागरूकता और प्रतिक्रिया: स्थानीय प्रशासन ने नागरिकों को ब्लैकआउट सुरक्षा उपायों के बारे में शिक्षित करने पर ध्यान केंद्रित किया, जिसमें घर के अंदर रहना, संसाधनों का संरक्षण करना और अनावश्यक यात्रा से बचना शामिल था।
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एजेंसियों के बीच समन्वय: अभ्यास ने संकट के दौरान विभिन्न सरकारी विभागों और निजी क्षेत्र की संस्थाओं की प्रभावी सहयोग करने की क्षमता का परीक्षण किया।
हालांकि सुरक्षा कारणों से मॉक ड्रिल के विशिष्ट विवरण गोपनीय रखे गए हैं, प्रारंभिक रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि इस अभ्यास ने ग्रिड लचीलापन, साइबर सुरक्षा और जन जागरूकता अभियानों में निरंतर निवेश के महत्व को उजागर किया है।
मॉक ड्रिल से प्राप्त निष्कर्षों का विश्लेषण करके महत्वपूर्ण अवसंरचना में संभावित व्यवधानों के लिए देश की समग्र तैयारी में सुधार के लिए सिफारिशें विकसित की जाएंगी। सीखी गई शिक्षाओं को आपातकालीन प्रतिक्रिया कर्मियों के प्रशिक्षण कार्यक्रमों और देश भर में जन जागरूकता पहलों में भी शामिल किया जाएगा। भविष्य में भी इसी तरह के अभ्यास आयोजित करने की योजना बना रहा है ताकि संभावित आपात स्थितियों की एक विस्तृत श्रृंखला को संभालने के लिए देश की तत्परता का निरंतर मूल्यांकन और परिष्करण किया जा सके। - UNA