"यूक्रेन युद्ध ‘बाइडन की लड़ाई’ है, मेरी नहीं: ट्रंप का बड़ा बयान"14 Apr 25

"यूक्रेन युद्ध ‘बाइडन की लड़ाई’ है, मेरी नहीं: ट्रंप का बड़ा बयान"

14 अप्रैल 2025 (UNA) : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को एक बार फिर यह दावा किया कि रूस-यूक्रेन युद्ध के लिए पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन जिम्मेदार हैं, और वह (ट्रंप) इस युद्ध को रोकने की कोशिश कर रहे हैं।

ट्रंप ने अपनी सोशल मीडिया साइट ‘ट्रुथ सोशल’ पर लिखा, “रूस और यूक्रेन के बीच चल रहा युद्ध बाइडेन का युद्ध है, मेरा नहीं। मैं अभी-अभी आया हूं, और मेरे चार साल के कार्यकाल में ऐसी कोई समस्या नहीं हुई। राष्ट्रपति पुतिन और बाकी सभी लोग आपके राष्ट्रपति का सम्मान करते थे!”

उन्होंने आगे दावा किया, “इस युद्ध से मेरा कोई लेना-देना नहीं है, लेकिन मैं पूरी मेहनत से इस मौत और विनाश को रोकने के लिए काम कर रहा हूं।”

ट्रंप ने 2020 के राष्ट्रपति चुनाव को लेकर अपनी पुरानी नाराजगी भी दोहराई और कहा, “अगर 2020 का राष्ट्रपति चुनाव धांधली से प्रभावित न हुआ होता — और वह हुआ था — तो यह भयानक युद्ध कभी शुरू ही नहीं होता।”

इसके साथ ही ट्रंप ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने इस "त्रासदी" को शुरू होने देने में बेहद खराब भूमिका निभाई। ट्रंप का कहना था कि इसे रोकने के “कई तरीके हो सकते थे,” लेकिन इन नेताओं ने स्थिति को संभालने में पूरी तरह विफलता दिखाई। - UNA

Related news

"PM मोदी और एलन मस्क की बातचीत: भारत-अमेरिका सहयोग को नई दिशा देने की संभावनाएं"18 Apr 25

"PM मोदी और एलन मस्क की बातचीत: भारत-अमेरिका सहयोग को नई दिशा देने की संभावनाएं"

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और टेस्ला के सीईओ एलन मस्क के बीच हाल ही में एक महत्वपूर्ण बातचीत हुई, जिसमें दोनों नेताओं ने भारत-अमेरिका के बीच प्रौद्योगिकी और नवाचार में सहयोग को और मजबूत करने पर चर्चा की। इस बैठक में भारत के विकास और वैश्विक साझेदारियों के प्रति प्रधानमंत्री मोदी की प्रतिबद्धता को फिर से रेखांकित किया गया। दोनों नेताओं ने भारत में नवीनीकरण, ऊर्जा, और इलेक्ट्रिक वाहन (EV) क्षेत्र में संभावित सहयोग को लेकर सकारात्मक चर्चा की, जिससे भविष्य में नए व्यापारिक अवसरों और प्रौद्योगिकी निवेश को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। यह बातचीत भारतीय बाजार में वैश्विक कंपनियों के लिए नए रास्ते खोलने और भारतीय तकनीकी उद्योग को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हो सकती है।