"रे डैलियो का ताजा चेतावनी: 2008 संकट की भविष्यवाणी करने वाले अरबपति ने अमेरिका के लिए दी नई चेतावनी"14 Apr 25

"रे डैलियो का ताजा चेतावनी: 2008 संकट की भविष्यवाणी करने वाले अरबपति ने अमेरिका के लिए दी नई चेतावनी"

14 अप्रैल 2025 (UNA) : वैश्विक बाजारों में टैरिफ के कारण उत्पन्न होने वाली अस्थिरता के बीच, अरबपति हेज फंड प्रमुख रे डैलियो ने अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए एक गंभीर चेतावनी दी है। डैलियो, जिन्होंने 2008 में अमेरिकी आवास संकट की सही भविष्यवाणी की थी, का कहना है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति का "विघटनकारी" प्रभाव अमेरिका को मंदी के करीब ले जा रहा है।

एनबीसी के शो 'मीट द प्रेस' में बोलते हुए डैलियो ने अपनी चिंताएं व्यक्त कीं और कहा, "अगर इसे सही तरीके से संभाला नहीं गया तो मुझे मंदी से भी बुरा कुछ होने का डर है।" टैरिफ के कारण उत्पन्न होने वाली हलचल के अलावा, डैलियो ने यह भी कहा कि अमेरिका का बढ़ता हुआ कर्ज एक और बड़ी चिंता का विषय है।

हेज फंड के इस प्रमुख ने यह भी कहा कि नए उभरते हुए अर्थव्यवस्थाएं भू-राजनीतिक संरचना को बदल रही हैं। उन्होंने यह भी जोड़ा कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद पहली बार अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था में विशाल बदलाव आने वाला है।

वाल स्ट्रीट के अनुभवी इस शख्स ने कहा कि दुनिया अब एकतरफा वैश्विक आदेश की ओर बढ़ रही है, जिसमें पहले से ज्यादा संघर्ष हो सकते हैं, जो वर्तमान में चल रहे बहुपक्षीय व्यवस्था के मुकाबले अधिक होंगे। - UNA

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"फिर से गरजे ट्रंप: फेड चेयरमैन पॉवेल को हटाने की जिद पर अड़े"18 Apr 25

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अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर चर्चा में हैं — इस बार उनकी नाराजगी का शिकार बने हैं फेडरल रिजर्व के चेयरमैन, जेरोम पॉवेल। हाल ही में सामने आई जानकारी के अनुसार, ट्रंप अपने करीबियों से लगातार यह पूछ रहे हैं कि क्या पॉवेल को उनके पद से हटाया जा सकता है। बताया जा रहा है कि ब्याज दरों और मौद्रिक नीतियों को लेकर ट्रंप की नाराज़गी अब इतनी बढ़ गई है कि उन्होंने पॉवेल को हटाने का विकल्प भी खुलकर चर्चा में ला दिया है। इस घटनाक्रम ने अमेरिकी राजनीतिक और आर्थिक गलियारों में हलचल मचा दी है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर ट्रंप दोबारा राष्ट्रपति बनते हैं, तो पॉवेल की कुर्सी खतरे में पड़ सकती है। ट्रंप पहले भी पॉवेल की नीतियों की आलोचना करते रहे हैं, लेकिन इस बार मामला कहीं ज़्यादा गंभीर नजर आ रहा है।