शेयर बाजार में गिरावट के संकेत: अमेरिका की मंदी और Nvidia की चिंता से बिगड़ा माहौल17 Apr 25

शेयर बाजार में गिरावट के संकेत: अमेरिका की मंदी और Nvidia की चिंता से बिगड़ा माहौल

17 अप्रैल 2025 (UNA) : भारतीय शेयर बाजार बुधवार को तेज़ी के साथ बंद हुआ, जहां सेंसेक्स 309 अंकों की बढ़त के साथ 77,044.29 पर और निफ्टी 108.65 अंकों की तेजी के साथ 23,437.20 के स्तर पर बंद हुआ। यह लगातार तीसरा दिन रहा जब बाजार में बढ़त देखने को मिली। हालांकि दिन की शुरुआत सुस्त रही, लेकिन बाद में यह रिपोर्ट सामने आई कि चीन अमेरिका से व्यापार वार्ता के लिए तैयार है, जिससे बाजार को मजबूती मिली।

बैंकिंग और सार्वजनिक क्षेत्र के शेयरों ने दिखाई रफ्तार
बाजार में सबसे ज्यादा तेजी PSU बैंक, मीडिया और तेल-गैस सेक्टर में देखी गई, जहां 1-2% तक का उछाल रहा। IndusInd Bank 7% से ज्यादा की तेजी के साथ दिन का सबसे बड़ा गेनर बना। वहीं, Maruti Suzuki 1.61% गिरावट के साथ सबसे बड़ा लूजर रहा। Nifty PSU Bank इंडेक्स 2.37% चढ़कर 6417.05 तक पहुंचा, जबकि Nifty Auto इंडेक्स में 0.43% की गिरावट आई।

वैश्विक बाजारों में गिरावट का माहौल
हालांकि घरेलू बाजार में तेजी दिखी, लेकिन अमेरिकी शेयर बाजारों में जोरदार गिरावट देखी गई। Dow Jones करीब 700 अंक गिरकर 39,669.39 पर बंद हुआ, जबकि Nasdaq में 3% से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई। इसका बड़ा कारण था Nvidia की चेतावनी कि अमेरिका की नई चिप एक्सपोर्ट पाबंदियों से भारी नुकसान होगा।

इस बीच, फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने कहा कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था की ग्रोथ धीमी पड़ती दिख रही है और ट्रंप की टैरिफ नीतियां महंगाई को और बढ़ा सकती हैं, जिससे फेड के लिए स्थिति और जटिल हो जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि ब्याज दरों में किसी भी तरह के बदलाव को लेकर फेड जल्दबाज़ी में नहीं है। इस बयान से यह साफ हो गया कि फेड महंगाई के खिलाफ लड़ाई में अभी पीछे हटने के मूड में नहीं है।

GIFT Nifty का संकेत नकारात्मक शुरुआत की ओर
आज के ट्रेडिंग से पहले GIFT Nifty 100 अंक नीचे दिखा, जो बाजार में नकारात्मक शुरुआत का संकेत दे रहा है। इसका सीधा मतलब है कि घरेलू बाजार पर वैश्विक दबाव का असर दिख सकता है।

एफआईआई और डीआईआई की चाल
विदेशी निवेशकों (FIIs) ने लगातार दूसरे दिन ₹3936 करोड़ की खरीदारी की, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) ने ₹2512 करोड़ की बिकवाली की। इससे यह साफ है कि विदेशी निवेशक भारत में अभी भी उम्मीद देख रहे हैं, भले ही घरेलू संस्थाएं सतर्क बनी हुई हैं। - UNA

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