मुंबई, (UNA) : — मुंबई के जियो वर्ल्ड सेंटर में आयोजित WAVES 2025 सम्मेलन में 'भारत मंडप' (Bharat Pavilion) ने 'कला से कोड तक' (From Kala to Code) की थीम के तहत भारत की सांस्कृतिक विरासत और तकनीकी नवाचार का अद्वितीय संगम प्रस्तुत किया। यह मंडप भारत की पारंपरिक कलाओं और उभरती तकनीकी क्षमताओं का जीवंत प्रदर्शन बन गया है, जिसने वैश्विक दर्शकों का ध्यान आकर्षित किया है।
चार अनुभूतिपूर्ण जोन: परंपरा से भविष्य की ओर
'भारत मंडप' को चार प्रमुख अनुभूतिपूर्ण जोनों में विभाजित किया गया है, जो भारत की कहानी कहने की परंपरा को दर्शाते हैं:
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श्रुति (Shruti) — मौखिक परंपराओं पर केंद्रित, यह जोन वैदिक मंत्रों, लोकगीतों, शास्त्रीय संगीत और रेडियो की विरासत को उजागर करता है।
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कृति (Kriti) — लिखित परंपराओं को प्रदर्शित करता है, जिसमें गुफा चित्रों, ताड़पत्र पांडुलिपियों से लेकर आधुनिक प्रकाशन तक की यात्रा शामिल है।
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दृष्टि (Drishti) — दृश्य अभिव्यक्तियों पर केंद्रित, यह जोन नृत्य, कठपुतली, लोक थिएटर से लेकर भारतीय सिनेमा और डिजिटल स्टोरीटेलिंग तक की यात्रा को दर्शाता है।
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क्रिएटर'स लीप (Creator’s Leap) — भविष्य की कहानी कहने की तकनीकों को प्रदर्शित करता है, जिसमें एआई, एक्सआर, गेमिंग, मेटावर्स और एनीमेशन शामिल हैं ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'भारत मंडप' का उद्घाटन करते हुए कहा, "यह मंडप भारत की सांस्कृतिक गहराई, कलात्मक उत्कृष्टता और उभरती वैश्विक कहानी कहने की शक्ति का प्रतीक है।" उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि यह पहल भारत को वैश्विक रचनात्मक नवाचार और सहयोग का केंद्र बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है ।
'भारत मंडप' में भारतीय स्टार्टअप्स और तकनीकी कंपनियों ने भी अपनी नवीनतम परियोजनाओं का प्रदर्शन किया, जिससे उन्हें वैश्विक निवेशकों और सहयोगियों से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली। एक प्रदर्शक प्रतिनिधि ने कहा, "WAVES 2025 ने हमें वैश्विक मंच पर अपने कार्यों को प्रस्तुत करने का अमूल्य अवसर प्रदान किया है।"
'भारत मंडप' ने न केवल भारत की सांस्कृतिक विरासत को प्रस्तुत किया, बल्कि यह भी दिखाया कि कैसे देश की पारंपरिक कलाएं और आधुनिक तकनीक मिलकर वैश्विक समस्याओं के समाधान में योगदान दे सकती हैं। यह पहल भारत को वैश्विक मीडिया और मनोरंजन क्षेत्र में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। - UNA