
"भगवद गीता और नाट्यशास्त्र को मिला वैश्विक सम्मान, UNESCO की सूची में हुई शामिली"
भारत की प्राचीन और समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को एक नई पहचान मिली है। UNESCO ने 'भगवद गीता' और 'नाट्यशास्त्र' को अपनी प्रतिष्ठित Memory of the World Register में शामिल कर लिया है। यह सूची उन ऐतिहासिक ग्रंथों और दस्तावेज़ों को मान्यता देती है जो वैश्विक धरोहर के रूप में संरक्षित किए जाते हैं। इस उपलब्धि पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गर्व जताते हुए कहा कि "यह सभी भारतीयों के लिए एक गर्व का क्षण है।" भगवद गीता भारतीय दर्शन और आत्मचिंतन का आधार रही है, जबकि नाट्यशास्त्र प्राचीन भारतीय कला, नाटक और नृत्य के सिद्धांतों का बेजोड़ ग्रंथ है। इन दोनों ग्रंथों को वैश्विक स्तर पर मान्यता मिलना न केवल भारत की सांस्कृतिक विरासत की महत्ता को दर्शाता है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी एक प्रेरणा का स्रोत बनेगा।
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तमिलनाडु कैबिनेट ने मंजूरी दी "स्पेस पॉलिसी 2025" को
तमिलनाडु सरकार ने हाल ही में अपनी महत्वाकांक्षी "स्पेस पॉलिसी 2025" को कैबिनेट से मंजूरी दे दी है। इस नीति का उद्देश्य राज्य में अंतरिक्ष क्षेत्र को बढ़ावा देना और इसे वैश्विक मानचित्र पर एक प्रमुख केंद्र के रूप में स्थापित करना है। यह नीति तमिलनाडु को अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, अनुसंधान और विकास के क्षेत्र में अग्रणी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। सरकार का मानना है कि इस नीति के तहत राज्य में अंतरिक्ष आधारित सेवाओं, जैसे उपग्रह प्रक्षेपण, उपग्रह संचार, और अंतरिक्ष में अनुसंधान गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा, जिससे न केवल तकनीकी क्षेत्र में नवाचार होगा, बल्कि आर्थिक विकास में भी तेजी आएगी। तमिलनाडु ने हमेशा विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, और अब "स्पेस पॉलिसी 2025" के साथ वह अंतरिक्ष उद्योग में भी अपनी पहचान बनाना चाहता है।

ऋषिकेश-कार्णप्रयाग रेल परियोजना: उत्तराखंड के जनासु में बनेगा भारत का सबसे लंबा रेलवे सुरंग
उत्तराखंड के जनासु में बनने वाला भारत का सबसे लंबा रेलवे सुरंग एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा, जो ऋषिकेश-कार्णप्रयाग ब्रॉड गेज रेल लिंक परियोजना का हिस्सा है। यह सुरंग, जो 14.57 किलोमीटर लंबी होगी, देवप्रयाग और जनासु के बीच स्थित है। यह परियोजना उत्तराखंड में रेलवे कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने और क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वाकांक्षी कदम है। 125 किलोमीटर लंबी इस रेल लिंक परियोजना के पूरा होने से उत्तराखंड के दूरदराज इलाकों तक बेहतर और तेज यात्रा संभव हो सकेगी। सुरंग निर्माण की यह परियोजना न केवल यात्रा को सुविधाजनक बनाएगी, बल्कि क्षेत्रीय विकास को भी एक नया आयाम देगी।

2027 उत्तर प्रदेश चुनाव: बीजेपी ने नए राज्य अध्यक्ष की तलाश शुरू, जाति समीकरण होंगे प्रमुख
2027 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने तैयारियां तेज कर दी हैं। पार्टी अब नए राज्य अध्यक्ष की खोज में है, और इस प्रक्रिया में जाति समीकरण अहम भूमिका निभाने वाले हैं। चुनावी रणनीति को मजबूत करने के लिए BJP को अपनी ओर से प्रभावी और संगठित नेतृत्व की जरूरत महसूस हो रही है। खासकर, ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) समुदाय के नेताओं की भूमिका इस बार और भी महत्वपूर्ण होगी, क्योंकि इन नेताओं की क्षेत्रीय पकड़ और प्रभाव चुनावी मैदान में महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं। बीजेपी के भीतर कई प्रमुख नाम चर्चा में हैं, जिनमें मंत्री धर्मपाल सिंह, केंद्रीय मंत्री बीएल वर्मा, और राज्यसभा सांसद बाबू राम निषाद शामिल हैं। ये सभी ओबीसी समुदाय से ताल्लुक रखते हैं और उत्तर प्रदेश में इनका अच्छा खासा राजनीतिक प्रभाव है। इन नेताओं की जाति समीकरण पर पकड़ पार्टी के लिए एक रणनीतिक लाभ हो सकती है, क्योंकि ओबीसी वोट बैंक हमेशा से ही उत्तर प्रदेश की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है।

दावदी बोहरा समुदाय का प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात, Waqf (संशोधन) अधिनियम की सराहना
दावदी बोहरा समुदाय ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और Waqf (संशोधन) अधिनियम को लेकर अपनी सराहना व्यक्त की। यह समुदाय शिया मुसलमानों के बीच एक संपन्न लेकिन छोटा अल्पसंख्यक समूह है, जिसकी ओर से मशहूर वकील हरिश साल्वे ने प्रतिनिधित्व किया। हरिश साल्वे ने यह प्रतिनिधित्व उस संयुक्त संसदीय समिति के समक्ष किया, जो भारतीय जनता पार्टी के सांसद जगदम्बिका पाल की अध्यक्षता में उस बिल की समीक्षा कर रही थी, जिसे संसद में पेश किया गया था। दावदी बोहरा समुदाय ने Waqf संपत्तियों के बेहतर प्रबंधन और पारदर्शिता को सुनिश्चित करने के लिए इस विधेयक का स्वागत किया, और इसे समुदाय के सामाजिक और धार्मिक कल्याण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया। यह मुलाकात इस बात को भी उजागर करती है कि समुदाय अपनी धार्मिक स्वतंत्रता और विकास के लिए नीति निर्माता नेताओं से संवाद बनाए रखता है।

Gensol में उठा नया तूफ़ान: स्वतंत्र निदेशक अरुण मेनन का इस्तीफ़ा और अनमोल जग्गी की IPO योजना का खुलासा
Gensol Engineering में उठे नए विवाद के बीच स्वतंत्र निदेशक अरुण मेनन ने अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया है। उनके इस्तीफ़ा पत्र में जो खुलासे हुए हैं, वो कंपनी के भविष्य को लेकर कई सवाल खड़े कर रहे हैं। मेनन ने साफ तौर पर बताया कि कंपनी के प्रमोटर अनमोल सिंह जग्गी की एक और ग्रुप कंपनी Matrix के लिए अलग से IPO लाने की योजना थी। इस योजना को लेकर बोर्ड के बाकी सदस्यों को स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई थी, जिससे पारदर्शिता पर सवाल उठने लगे हैं। यह घटना ऐसे समय पर सामने आई है जब Gensol पहले से ही निगरानी और संदेह के घेरे में है। अरुण मेनन के इस्तीफ़े के पीछे जो वजहें सामने आई हैं, वो इस बात की ओर इशारा करती हैं कि कंपनी के भीतर चल रही गतिविधियों में सब कुछ ठीक नहीं था। अब सभी की नजर इस बात पर टिकी है कि कंपनी और सेबी इस पूरे मामले पर क्या रुख अपनाते हैं।

"बाबा साहब की विरासत: सामाजिक समता के लिए एक जीवन समर्पित"
मोहनपुरवा गांव में इस वर्ष बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर की 134वीं जयंती विशेष श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाई गई। इस अवसर पर आयोजित संगोष्ठी में वक्ताओं ने बाबा साहब के सामाजिक न्याय, समानता और संवैधानिक मूल्यों के प्रति समर्पण को याद किया। पूर्व स्वास्थ्य सेवाएं निदेशक डॉ. कमल कुमार ने भावुक होकर कहा कि डॉ. आंबेडकर का जीवन उन सभी के लिए प्रेरणा है जो जातिगत भेदभाव, छुआछूत और अन्याय के खिलाफ लड़ाई लड़ते हैं।