"PM मोदी और एलन मस्क की बातचीत: भारत-अमेरिका सहयोग को नई दिशा देने की संभावनाएं"18 Apr 25

"PM मोदी और एलन मस्क की बातचीत: भारत-अमेरिका सहयोग को नई दिशा देने की संभावनाएं"

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और टेस्ला के सीईओ एलन मस्क के बीच हाल ही में एक महत्वपूर्ण बातचीत हुई, जिसमें दोनों नेताओं ने भारत-अमेरिका के बीच प्रौद्योगिकी और नवाचार में सहयोग को और मजबूत करने पर चर्चा की। इस बैठक में भारत के विकास और वैश्विक साझेदारियों के प्रति प्रधानमंत्री मोदी की प्रतिबद्धता को फिर से रेखांकित किया गया। दोनों नेताओं ने भारत में नवीनीकरण, ऊर्जा, और इलेक्ट्रिक वाहन (EV) क्षेत्र में संभावित सहयोग को लेकर सकारात्मक चर्चा की, जिससे भविष्य में नए व्यापारिक अवसरों और प्रौद्योगिकी निवेश को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। यह बातचीत भारतीय बाजार में वैश्विक कंपनियों के लिए नए रास्ते खोलने और भारतीय तकनीकी उद्योग को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हो सकती है।

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18 Apr 25

"चीन ने रोका अमेरिका से LNG आयात, बढ़ते टैरिफ ने बढ़ाई ऊर्जा व्यापार की दरार"

चीन और अमेरिका के बीच व्यापारिक तनाव एक बार फिर से सुर्खियों में है, और इस बार मामला है ऊर्जा क्षेत्र का। तेज बढ़ते टैरिफ के चलते चीन ने अमेरिका से लिक्विफाइड नैचुरल गैस (LNG) का आयात पूरी तरह से रोक दिया है। इस कदम से दोनों देशों के बीच पहले से ही तनावपूर्ण ऊर्जा व्यापार संबंध और अधिक बिगड़ गए हैं। अब चीन ने अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए रूस जैसे वैकल्पिक स्रोतों की ओर रुख करना शुरू कर दिया है, जो वैश्विक ऊर्जा समीकरणों में बड़ा बदलाव ला सकता है। यह निर्णय सिर्फ आर्थिक नहीं, बल्कि रणनीतिक रूप से भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

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"अमेरिकी न्यायाधीश ने ट्रंप प्रशासन को अवमानना में दोषी ठहराने की जताई संभावना, डिपोर्टेशन पर विवाद गहराया"17 Apr 25

"अमेरिकी न्यायाधीश ने ट्रंप प्रशासन को अवमानना में दोषी ठहराने की जताई संभावना, डिपोर्टेशन पर विवाद गहराया"

अमेरिकी न्यायाधीश ने ट्रंप प्रशासन के खिलाफ एक महत्वपूर्ण निर्णय देते हुए कहा कि इसके खिलाफ "संभावित कारण" है कि उन्हें अवमानना (contempt) में दोषी ठहराया जा सकता है, खासकर अवैध डिपोर्टेशन (deportation) मामलों में। यह विवादास्पद निर्णय ट्रंप प्रशासन के लिए एक बड़ा झटका साबित हो सकता है, क्योंकि यह एक महत्वपूर्ण संवैधानिक चुनौती को जन्म देता है। अमेरिकी न्यायालय ने यह निष्कर्ष निकाला कि ट्रंप प्रशासन ने डिपोर्टेशन आदेशों को उचित तरीके से लागू नहीं किया और इसके कारण कई प्रवासियों के अधिकारों का उल्लंघन हुआ। व्हाइट हाउस ने तत्काल इस निर्णय के खिलाफ अपील करने का इरादा जताया, और इस मुद्दे पर विवाद और भी गहरा सकता है, खासकर जब ट्रंप प्रशासन लगातार न्यायिक निर्णयों को चुनौती दे रहा है। इस घटनाक्रम से यह साफ हो गया है कि ट्रंप प्रशासन और न्यायपालिका के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है, खासकर विदेशी नागरिकों और उनके निर्वासन को लेकर, जिससे आने वाले समय में यह विवाद और भी जटिल हो सकता है।

"एलन मस्क को माफ़ी मांगनी चाहिए थी: टेस्ला व्हिसलब्लोअर को मिली कानूनी जीत, अगला मुकदमा तय"17 Apr 25

"एलन मस्क को माफ़ी मांगनी चाहिए थी: टेस्ला व्हिसलब्लोअर को मिली कानूनी जीत, अगला मुकदमा तय"

टेस्ला के भीतर की खामियों को उजागर करने वाली व्हिसलब्लोअर ने एलन मस्क के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कानूनी जीत हासिल की है, जिससे अब उनके लिए एक नया मुकदमा शुरू करने का रास्ता साफ हो गया है। इस जीत के बाद उन्होंने कहा, "काश एलन मस्क में इतना नैतिक साहस होता कि वे माफ़ी मांग लेते।" पूर्व टेस्ला कर्मचारी ने लंबे समय से आरोप लगाया था कि कंपनी के भीतर कई गड़बड़ियां हैं, जिन्हें उसने उजागर किया, लेकिन उसके बदले उसे प्रताड़ना और पेशेवर नुकसान झेलना पड़ा। अब, कोर्ट से मिली इस शुरुआती सफलता ने उसे न्याय की उम्मीद दी है। उन्होंने आगे कहा, "हम आशा करते हैं कि अगला मुकदमा जल्द शुरू होगा और हमें एलन मस्क के खिलाफ जूरी और जज के सामने अपनी बात रखने का पूरा मौका मिलेगा।" यह मामला न केवल कॉर्पोरेट जवाबदेही का प्रतीक बनता जा रहा है, बल्कि यह भी दिखाता है कि बड़ी कंपनियों और उनके शक्तिशाली सीईओज़ के खिलाफ आवाज़ उठाने वाले कर्मचारियों को न्याय मिलना अब असंभव नहीं रहा।

'धमकी और ब्लैकमेलिंग बंद करो': व्हाइट हाउस की 245% टैरिफ चेतावनी के बाद चीन का कड़ा जवाब16 Apr 25

'धमकी और ब्लैकमेलिंग बंद करो': व्हाइट हाउस की 245% टैरिफ चेतावनी के बाद चीन का कड़ा जवाब

चीन ने व्हाइट हाउस द्वारा दिए गए ताजा बयान के बाद अपना कड़ा रुख अपनाया है, जिसमें कहा गया था कि "चीन को अब अपनी प्रतिशोधी कार्रवाई के कारण संयुक्त राज्य अमेरिका में आयात पर 245% तक का टैरिफ भुगतना पड़ेगा।" चीन ने इस चेतावनी को एकतरफा और दबाव डालने वाला कदम करार देते हुए अपनी प्रतिक्रिया दी है, जिसमें उसने अमेरिका से धमकी और ब्लैकमेलिंग को बंद करने की अपील की है। चीन का कहना है कि वह इस तरह के व्यापारिक दबाव का सामना करने के लिए तैयार है और इसका उद्देश्य केवल चीन के आर्थिक विकास को रोकना है। बीजिंग ने साफ तौर पर कहा कि वह ऐसे धमकियों से डरने वाला नहीं है और अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने के लिए किसी भी हद तक जाएगा। यह घटनाक्रम व्यापार युद्ध की गंभीरता को और बढ़ा रहा है, जिसमें दोनों देशों के बीच टैरिफ और व्यापार प्रतिबंधों को लेकर तनाव और बढ़ गया है। चीन का कहना है कि वह किसी भी तरह की बातचीत के लिए तैयार है, लेकिन अमेरिका को अपनी नीति में बदलाव लाना होगा और असमान व्यापारिक दृष्टिकोण को छोड़ना होगा।

 सीआईए की डिक्लासिफाइड फाइल का खुलासा — यूएफओ हमले से 'पत्थर' बन गए सोवियत सैनिक!16 Apr 25

सीआईए की डिक्लासिफाइड फाइल का खुलासा — यूएफओ हमले से 'पत्थर' बन गए सोवियत सैनिक!

एक डिक्लासिफाइड सीआईए रिपोर्ट ने दुनिया को हैरानी में डाल दिया है, जिसमें दावा किया गया है कि सोवियत संघ के कुछ सैनिक एक रहस्यमयी यूएफओ हमले में 'पत्थर' बन गए थे। यह रिपोर्ट 1991 में सोवियत संघ के विघटन के बाद सामने आई, जिसमें कुछ चौंकाने वाले चश्मदीद बयान और विचलित कर देने वाली तस्वीरें शामिल हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि सोवियत सैनिकों ने एक अज्ञात उड़न तश्तरी (यूएफओ) को मार गिराया था, जिसके बाद वह यूएफओ एक घातक प्रतिक्रिया के रूप में लौटा। हमले के तुरंत बाद, कथित तौर पर पांच सैनिक पत्थर जैसी ठोस अवस्था में बदल गए—जैसे उनकी देह किसी तरह की ऊर्जा से पूरी तरह 'पetrify' हो गई हो। इस रहस्यमयी घटना ने न केवल वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं को चौंकाया है, बल्कि यह सवाल भी खड़ा कर दिया है कि क्या वास्तव में हम ब्रह्मांड में अकेले हैं? या फिर कहीं से कोई ताकत हमारे हर कदम पर नजर रखे हुए है?

चीन ने रखी शर्तें: ट्रंप से बातचीत तभी जब मिले सम्मान और स्पष्टता16 Apr 25

चीन ने रखी शर्तें: ट्रंप से बातचीत तभी जब मिले सम्मान और स्पष्टता

चीन ने संकेत दिया है कि वह पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ बातचीत के लिए तैयार है, लेकिन इसके लिए कुछ अहम शर्तें रखी गई हैं। बीजिंग का कहना है कि संवाद तभी मुमकिन है जब ट्रंप चीन को उचित सम्मान दें और बातचीत के लिए एक स्पष्ट और जिम्मेदार प्रतिनिधि नियुक्त करें। इसके अलावा, चीन चाहता है कि अमेरिका की नीति में निरंतरता हो और वह चीन की कुछ प्रमुख चिंताओं पर भी गंभीरता से विचार करे—जैसे कि अमेरिका द्वारा लगाए गए प्रतिबंध और ताइवान को लेकर अपनाया गया रुख। यह रुख दर्शाता है कि भले ही दोनों देशों के बीच रिश्तों में तनाव रहा हो, लेकिन यदि आपसी सम्मान और स्पष्ट संवाद की बुनियाद रखी जाए, तो बातचीत की गुंजाइश अभी भी बाकी है।

चीन के आपूर्तिकर्ताओं का ट्रंप के टैरिफ का मजाक, TikTok पर Nike और Lululemon के सौदों के साथ15 Apr 25

चीन के आपूर्तिकर्ताओं का ट्रंप के टैरिफ का मजाक, TikTok पर Nike और Lululemon के सौदों के साथ

हाल ही में, चीन के आपूर्तिकर्ताओं ने ट्रंप के टैरिफ नीति का मजाक उड़ाया है, खासकर Nike और Lululemon जैसे प्रमुख ब्रांड्स के सौदों के माध्यम से जो TikTok पर वायरल हो रहे हैं। इन वीडियो में दिखाया गया है कि किस तरह चीन से आए उत्पाद अमेरिकी टैरिफ से बचने के लिए रचनात्मक तरीके अपना रहे हैं। इस प्रकार के वीडियो की भारी संख्या और उनके समान विषय ने यह संकेत दिया है कि यह एक लोकप्रिय प्रतिक्रिया हो सकती है, जो राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लागू किए गए 145% के टैरिफ के खिलाफ उठ रही है। इन वीडियो में चीन के व्यापारियों ने अमेरिकी टैरिफ को चुनौती देते हुए आकर्षक सौदों और कम कीमतों का प्रचार किया है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि ये टैरिफ चीनी आपूर्ति श्रृंखला को बाधित करने के बजाय, अपने उत्पादों को अमेरिकी बाजार में नई रणनीतियों से पेश कर रहे हैं। यह दिखाता है कि व्यापारिक रणनीतियां और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स, जैसे कि TikTok, व्यापारियों के लिए एक नया मैदान बन गए हैं, जहां वे टैरिफ और शुल्कों के बावजूद अपनी उपभोक्ता पहुंच बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं।

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18 Apr 2025