मैकेनिकल ऊर्जा से हाइड्रोजन ईंधन उत्पादन: वैज्ञानिकों ने विकसित किया नया मेटल-फ्री ऑर्गेनिक कैटेलिस्ट06 May 25

मैकेनिकल ऊर्जा से हाइड्रोजन ईंधन उत्पादन: वैज्ञानिकों ने विकसित किया नया मेटल-फ्री ऑर्गेनिक कैटेलिस्ट

नई दिल्ली, (UNA) : — हाइड्रोजन ईंधन उत्पादन के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी उपलब्धि हासिल हुई है। बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (BIT) मेसरा, रांची के रसायन विज्ञान विभाग के वैज्ञानिकों ने एक अत्यधिक कुशल, धातु-मुक्त कार्बनिक उत्प्रेरक (ऑर्गेनिक कैटेलिस्ट) विकसित किया है, जो यांत्रिक ऊर्जा (जैसे पीसने या कंपन) का उपयोग करके जल अणुओं को विभाजित कर हाइड्रोजन उत्पन्न करता है।

इस शोध का नेतृत्व प्रोफेसर अनिर्बान प्रधान ने किया है। उन्होंने बताया, “हमारा नया उत्प्रेरक पेरिलीन और पोर्फिरिन आधारित कोवैलेंट ऑर्गेनिक फ्रेमवर्क (COF) है, जो बिना किसी धातु के जल को विभाजित कर हाइड्रोजन उत्पन्न करने में सक्षम है।” यह COF उच्च सतह क्षेत्र (~1400 m²/g), स्थायित्व और 96% फेरेडिक दक्षता के साथ हाइड्रोजन उत्पादन में उत्कृष्ट प्रदर्शन करता है।RSC Publishing

इस तकनीक की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह बाहरी ऊर्जा स्रोतों जैसे बिजली या ऊष्मा की आवश्यकता को समाप्त करती है। इसके बजाय, यह यांत्रिक बल (जैसे पीसना या सोनिकेशन) के माध्यम से जल अणुओं को विभाजित करता है, जिससे हाइड्रोजन और ऑक्सीजन उत्पन्न होते हैं। इससे दूरदराज के क्षेत्रों या आपदा राहत स्थितियों में पोर्टेबल हाइड्रोजन जनरेटर की संभावना बढ़ जाती है।

इस धातु-मुक्त उत्प्रेरक के उपयोग से हाइड्रोजन उत्पादन की लागत में कमी आएगी और पर्यावरणीय प्रभाव भी घटेगा, क्योंकि पारंपरिक उत्प्रेरक जैसे प्लेटिनम या पैलेडियम महंगे और पर्यावरण के लिए हानिकारक हो सकते हैं।

हालांकि यह तकनीक अभी विकास के प्रारंभिक चरण में है, लेकिन शोधकर्ता इसके प्रदर्शन को और बेहतर बनाने और उत्पादन प्रक्रिया को बड़े पैमाने पर लागू करने के लिए कार्य कर रहे हैं। वे विभिन्न यांत्रिक सक्रियण विधियों जैसे कंपन और दबाव का भी परीक्षण कर रहे हैं ताकि इसकी दक्षता और बढ़ाई जा सके।

यह विकास स्वच्छ और सतत ऊर्जा समाधानों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह धातु-मुक्त कार्बनिक उत्प्रेरक यांत्रिक ऊर्जा का उपयोग करके हाइड्रोजन ईंधन उत्पादन के लिए एक आशाजनक मार्ग प्रदान करता है, जो एक हरित और अधिक सतत भविष्य में योगदान कर सकता है। - UNA

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भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने हाल ही में विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST) की परियोजनाओं की समीक्षा बैठक की, जिसमें उन्होंने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) पर आधारित नवाचारों और गहरे-तकनीकी स्टार्टअप्स के लिए अधिक समर्थन की आवश्यकता पर जोर दिया। बैठक के दौरान, डॉ. सिंह ने भारत के लिए एक स्वदेशी AI ओपन स्टैक के विकास की आवश्यकता को रेखांकित किया, जिसे भारतीय शोधकर्ताओं की आवश्यकताओं के अनुसार विज्ञान और इंजीनियरिंग मॉडल के साथ एकीकृत किया जाएगा। उन्होंने इसे देश को वैश्विक नेतृत्व की ओर अग्रसर करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया।