इस्लामाबाद/नई दिल्ली/वॉशिंगटन डीसी (UNA) : — भारत द्वारा हाल ही में चलाए गए "ऑपरेशन सिंदूर" के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव एक बार फिर चरम पर पहुंच गया है। हालांकि इस ऑपरेशन से जुड़ी जानकारी अभी तक आधिकारिक रूप से सार्वजनिक नहीं की गई है, लेकिन पाकिस्तान सरकार के सूत्रों ने इसे अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन बताते हुए कड़ी निंदा की है और कहा है कि यह क्षेत्रीय स्थिरता के लिए गंभीर खतरा है।
पाकिस्तान की ओर से इस ऑपरेशन को लेकर स्पष्ट शिकायतें तो सामने नहीं आई हैं, लेकिन उसका आक्रोश और चिंता साफ झलक रही है। इसी बीच भारतीय प्रशासित कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर विश्व के सात प्रमुख देशों के समूह G-7 ने एक साझा बयान जारी कर कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ द्वारा जारी इस बयान में पहलगाम हमले की निंदा करते हुए पीड़ितों और उनके परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की गई है।
बयान में दोनों देशों से संयम बरतने और बातचीत के ज़रिए समाधान निकालने की अपील की गई है। G-7 का कहना है, "हम पहलगाम में हुए हालिया हमले की कड़ी निंदा करते हैं और हिंसा से प्रभावित लोगों के साथ एकजुटता व्यक्त करते हैं। हम भारत और पाकिस्तान दोनों से अपील करते हैं कि वे अधिकतम संयम बरतें और ऐसे किसी भी कदम से बचें जो क्षेत्र को और अस्थिर बना सकता है। एक शांतिपूर्ण समाधान ही आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता है।"
यह अपील ऐसे समय में आई है जब ऑपरेशन सिंदूर और सीमा पार आतंकवाद को लेकर दोनों देशों के बीच तनाव अपने उच्चतम स्तर पर है। भारत का आरोप है कि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकी समूह लगातार भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डाल रहे हैं, जबकि पाकिस्तान इन आरोपों से लगातार इनकार करता रहा है।
ऑपरेशन सिंदूर की अस्पष्टता ने स्थिति को और जटिल बना दिया है। भारतीय सरकार द्वारा अभी तक इस सैन्य कार्रवाई की कोई औपचारिक जानकारी नहीं दी गई है, जिससे अफवाहें और गलत जानकारी फैलने का खतरा बढ़ गया है। ऐसे में अंतरराष्ट्रीय विश्लेषक और संगठन हालात पर पैनी नजर बनाए हुए हैं और दोनों देशों से कूटनीतिक रास्ता अपनाने की अपील कर रहे हैं।
G-7 का यह बयान इस बात का स्पष्ट संकेत है कि वैश्विक समुदाय दक्षिण एशिया में बढ़ते तनाव को लेकर चिंतित है और वह नहीं चाहता कि यह तनाव किसी बड़े संघर्ष का रूप ले। - UNA