17 फरवरी, 2025 (UNA) :
स्टील और एल्युमिनियम पर भारी टैरिफ
राष्ट्रपति ट्रंप ने घोषणा की है कि अमेरिका में आयातित सभी स्टील और एल्युमिनियम उत्पादों पर 25% टैरिफ लगाया जाएगा, जो 12 मार्च 2025 से प्रभावी होगा। यह नया टैरिफ पहले दी गई सैकड़ों छूटों को समाप्त कर देगा। ट्रंप के पहले कार्यकाल में भी स्टील पर 25% और एल्युमिनियम पर 10% शुल्क लगाया गया था, लेकिन बाद में कुछ व्यापारिक साझेदारों को छूट दी गई थी।
नई नीति के तहत, रूस और चीन जैसे देशों द्वारा शुल्क से बचने के प्रयासों को रोकने के लिए यह शर्त जोड़ी गई है कि स्टील "पिघलाया और ढाला" (melted and poured) और एल्युमिनियम "पिघलाया और ढाला" (smelted and cast) केवल उत्तरी अमेरिका में ही होना चाहिए।
प्रतिशोधी टैरिफ नीति लागू
राष्ट्रपति ट्रंप ने 'Reciprocal Tariffs' की नीति की भी घोषणा की, जिसमें अमेरिकी निर्यात पर अन्य देशों द्वारा लगाए गए टैरिफ के बराबर शुल्क अमेरिका भी उन देशों से आने वाले सामान पर लगाएगा। ट्रंप ने अपने सलाहकारों को निर्देश दिया है कि वे विभिन्न देशों द्वारा अमेरिकी वस्तुओं पर लगाए गए टैरिफ की गणना करें और उसी के अनुसार अमेरिका में आयात पर शुल्क लगाया जाए।
इस नीति का उद्देश्य अमेरिकी श्रमिकों की रक्षा करना और राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करना बताया जा रहा है। यह नीति भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ट्रंप की आगामी बैठक से पहले सार्वजनिक की जानी थी।
कनाडा और मैक्सिको पर 25% टैरिफ, कुछ मामलों में छूट
31 जनवरी 2025 को अमेरिका ने कनाडा और मैक्सिको से आयातित उत्पादों पर 25% टैरिफ लगाने की घोषणा की। हालांकि, कुछ मामलों में छूट दी गई है—कनाडा से कच्चे तेल और ऊर्जा उत्पादों के आयात पर केवल 10% टैरिफ लगेगा।
प्रारंभ में यह टैरिफ 4 मार्च 2025 तक निलंबित रखा गया था, क्योंकि दोनों देश अमेरिका की सीमा सुरक्षा को मजबूत करने के लिए और कदम उठाने पर सहमत हुए थे।
चीन का जवाबी हमला: अमेरिकी उत्पादों पर 15% तक का शुल्क
अमेरिका ने 4 फरवरी 2025 को चीन से आयातित सभी वस्तुओं पर 10% टैरिफ लगा दिया था। इसके जवाब में, चीन ने 10 फरवरी 2025 से अमेरिकी कोयला और तरलीकृत प्राकृतिक गैस (LNG) पर 15% टैरिफ और तेल एवं कृषि मशीनों पर 10% टैरिफ लगाने की घोषणा की।
अर्थशास्त्रियों की चेतावनी: उपभोक्ताओं पर पड़ेगा असर
आर्थिक विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि इन टैरिफ का बोझ अंततः अमेरिकी उपभोक्ताओं को उठाना पड़ेगा, क्योंकि बढ़ी हुई लागत उत्पादों की कीमतों में वृद्धि के रूप में दिखाई देगी। इसके अलावा, विकासशील देशों पर भी इसका गहरा प्रभाव पड़ सकता है, खासकर उन देशों पर जो अमेरिकी उत्पादों पर पहले से ही उच्च टैरिफ लगाते हैं। - UNA