मुंबई, भारत (UNA) : – भारतीय शेयर बाजार में विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की खरीदारी का सिलसिला लगातार 11वें दिन भी जारी रहा। सोमवार को FIIs ने नेट ₹50 करोड़ की पूंजी बाजार में डाली, जो भारतीय अर्थव्यवस्था और उसके विकास की संभावनाओं पर उनके बढ़ते भरोसे को दर्शाता है।
वहीं, घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) ने भी बाजार को मजबूत समर्थन दिया और ₹1,792 करोड़ का बड़ा निवेश किया। DIIs की यह बड़ी भागीदारी यह दिखाती है कि भारतीय इक्विटी बाजारों में दीर्घकालिक संभावनाओं को लेकर घरेलू संस्थानों का भरोसा मजबूत बना हुआ है।
FII और DII – दोनों पक्षों से आ रही खरीदारी ने शेयर बाजार को स्थिरता प्रदान की है। हालांकि FIIs की ओर से निवेश की राशि कम रही, लेकिन उनकी खरीदारी का लगातार चलन बेहद अहम संकेत है।
वर्ष की अब तक की स्थिति:
हालिया सकारात्मक ट्रेंड के बावजूद, साल की शुरुआत से FIIs ने भारतीय शेयरों से भारी निकासी की है। अब तक ₹1.37 लाख करोड़ की इक्विटी FIIs द्वारा बेची जा चुकी है, जो वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं और जोखिम से बचाव की प्रवृत्ति को दर्शाता है।
दूसरी ओर, DIIs ने इस बिकवाली का भरपूर मुकाबला किया है, और अब तक ₹2.06 लाख करोड़ की नेट खरीदारी कर बाजार को गिरावट से बचाया है। यह DIIs की बढ़ती ताकत और बाजार पर उनके प्रभाव को स्पष्ट रूप से दर्शाता है।
विशेषज्ञों की नजर:
बाजार विश्लेषक FII-DII गतिविधियों के बदलते संतुलन को नजदीकी से देख रहे हैं। FIIs की वापसी एक सकारात्मक संकेत है, लेकिन यह स्थायी रहेगा या नहीं, यह वैश्विक ब्याज दरों, भू-राजनीतिक घटनाओं और भारतीय अर्थव्यवस्था के प्रदर्शन पर निर्भर करेगा।
फिलहाल, DIIs की निरंतर भागीदारी बाजार में स्थिरता बनाए रखने और किसी संभावित FII निकासी के प्रभाव को कम करने में कुंजी भूमिका निभा रही है। आने वाले महीनों में बाजार की दिशा इसी FII-DII संतुलन पर निर्भर करेगी। - UNA