"Yes Bank के CEO प्रशांत कुमार ने आंतरिक मतभेदों की खबरों को किया खारिज"28 Apr 25

"Yes Bank के CEO प्रशांत कुमार ने आंतरिक मतभेदों की खबरों को किया खारिज"

मुंबई, भारत (UNA) :  — यस बैंक के प्रबंध निदेशक और सीईओ प्रशांत कुमार ने हाल ही में एक बयान में संगठन के विभिन्न विभागों या स्तरों के बीच किसी भी प्रकार के मतभेद या असामंजस्य की खबरों को सिरे से खारिज कर दिया। [तारीख यदि उपलब्ध हो तो जोड़ें, अन्यथा छोड़ें] को पत्रकारों से बातचीत करते हुए कुमार ने स्पष्ट किया कि बैंक के भीतर एक मजबूत, सहयोगात्मक माहौल मौजूद है, जो प्रतिस्पर्धी वित्तीय बाजार में बैंक की स्थिति को मजबूत करने के उद्देश्य से काम कर रहा है।

बैंक के आंतरिक संवाद और समन्वय को लेकर समय-समय पर उठने वाली चिंताओं का जवाब देते हुए कुमार ने कहा,

"हम सभी एक साझा दृष्टिकोण और रणनीतिक रोडमैप के तहत काम कर रहे हैं। सभी टीमें सामंजस्य के साथ मिलकर हमारे सामूहिक लक्ष्यों को प्राप्त करने में जुटी हैं। संगठन में असंतुलन या मतभेद की कोई धारणा पूरी तरह निराधार है।"

उन्होंने बैंक द्वारा आंतरिक समन्वय को मजबूत करने के लिए उठाए गए कई कदमों का उल्लेख भी किया। इसमें नियमित क्रॉस-फंक्शनल मीटिंग्स, बेहतर आंतरिक संवाद प्लेटफॉर्म्स और नेतृत्व विकास कार्यक्रम (Leadership Development Programs) शामिल हैं, जिनका उद्देश्य सहयोग और आपसी समझ को बढ़ावा देना है। कुमार ने विशेष रूप से पारदर्शिता और खुले संवाद के महत्व पर जोर दिया, ताकि सभी कर्मचारियों को बैंक की रणनीति के बारे में सही जानकारी मिलती रहे और वे उससे जुड़े रहें।

यह बयान ऐसे समय पर आया है जब यस बैंक बीते कुछ वर्षों की कठिनाइयों के बाद अपनी साख को फिर से स्थापित करने और वित्तीय स्थिति को मजबूत करने के लिए अथक प्रयास कर रहा है। बैंक के भीतर एकजुटता और सहयोग की भावना पर कुमार का जोर, इसकी पुनर्निर्माण प्रक्रिया का एक अहम हिस्सा माना जा रहा है।

उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि किसी भी वित्तीय संस्था के लिए, विशेष रूप से पुनर्गठन के दौर से गुजर रहे संस्थान के लिए, आंतरिक समन्वय अत्यंत आवश्यक है। एक विश्लेषक ने कहा,

"रणनीतियों के प्रभावी क्रियान्वयन और लगातार प्रदर्शन के लिए आंतरिक एकजुटता बेहद जरूरी है। एक सुसंगठित कार्यबल बेहतर ग्राहक सेवा और अंततः स्थायी विकास में परिवर्तित होता है।"

हालाँकि कुमार ने माना कि किसी भी बड़े संगठन में चुनौतियाँ आ सकती हैं, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यस बैंक के पास ऐसी किसी भी संभावित समस्या को समय रहते पहचानने और सुलझाने के लिए मजबूत तंत्र मौजूद है। बातचीत के अंत में कुमार ने सहयोग और आपसी सम्मान की संस्कृति को बढ़ावा देने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई, ताकि बैंक के परिचालन निर्बाध रूप से चलते रहें और उसकी रणनीतिक प्राथमिकताओं की दिशा में निरंतर प्रगति हो।

आने वाले तिमाहियों में यस बैंक के प्रदर्शन पर बारीकी से नजर रखी जाएगी, ताकि यह आंका जा सके कि उसकी आंतरिक रणनीतियाँ कितनी प्रभावी रही हैं और क्या बैंक बाजार के दबावों के बीच भी अपनी एकजुटता बनाए रखने में सफल हो पाता है। - UNA

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भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इस सप्ताह एक नए ओपन मार्केट ऑपरेशन (OMO) खरीद दौर की घोषणा की है, जिसका मकसद वित्तीय प्रणाली में नकदी प्रवाह बढ़ाना और बढ़ती बॉन्ड यील्ड्स पर काबू पाना है। इस कदम से बाजार में फैली तरलता की कमी को दूर करने और सरकारी प्रतिभूति (गवर्नमेंट सिक्योरिटीज) बाजार में अत्यधिक उतार-चढ़ाव को रोकने की कोशिश की जा रही है। ओएमओ के तहत आरबीआई बाजार से सरकारी बॉन्ड खरीदता है, जिससे बैंकिंग सिस्टम में नकदी की आपूर्ति बढ़ती है। आमतौर पर नकदी में इस तरह की बढ़ोतरी से बॉन्ड की मांग बढ़ती है, जिससे उनके दाम चढ़ते हैं और यील्ड घटती है। आरबीआई का यह ताजा फैसला मौजूदा आर्थिक माहौल में स्थिरता बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, खासतौर पर तब जब बाजार तरलता संकट और ब्याज दरों में संभावित उछाल को लेकर चिंतित था।