IIFT का नया सेंटर अब GIFT सिटी में – अंतरराष्ट्रीय व्यापार शिक्षा को मिलेगी नई उड़ान06 May 25

IIFT का नया सेंटर अब GIFT सिटी में – अंतरराष्ट्रीय व्यापार शिक्षा को मिलेगी नई उड़ान

भारत में अंतरराष्ट्रीय व्यापार शिक्षा को नई दिशा देने के लिए एक बड़ा कदम उठाया गया है। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेन ट्रेड (IIFT) को अब गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी (GIFT City) में अपना ऑफ-कैंपस सेंटर स्थापित करने की मंजूरी मिल गई है। यह पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा को व्यापक रूप से उपलब्ध कराने और विशेषीकृत कौशल को बढ़ावा देने की दिशा में एक अहम कदम मानी जा रही है। GIFT सिटी में IIFT का यह नया केंद्र न सिर्फ व्यापार शिक्षा के परिदृश्य को मजबूती देगा, बल्कि भारत की निर्यात आधारित विकास रणनीति को भी गति देगा। यहां IIFT का प्रमुख MBA (इंटरनेशनल बिज़नेस) प्रोग्राम संचालित किया जाएगा, जो अंतरराष्ट्रीय व्यापार और वित्त के क्षेत्र में कुशल पेशेवरों की बढ़ती मांग को पूरा करेगा।

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28 Apr 25

दिल्ली सरकार की नई पहल: वरिष्ठ नागरिकों के लिए "आयुष्मान वय वंदना" योजना का शुभारंभ

दिल्ली सरकार ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक बड़ी राहत के तौर पर "आयुष्मान वय वंदना" योजना की शुरुआत की है, जो राजधानी के बुजुर्गों को व्यापक स्वास्थ्य बीमा कवरेज प्रदान करने का वादा करती है। इस योजना के तहत प्रत्येक परिवार को ₹10 लाख तक का मुफ्त स्वास्थ्य बीमा मिलेगा, जिससे गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सेवाओं तक पहुंच काफी हद तक आसान हो जाएगी। इस सप्ताह की शुरुआत में घोषित इस पहल का मुख्य उद्देश्य उन वरिष्ठ नागरिकों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता बढ़ाना है, जो आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग से आते हैं। "आयुष्मान वय वंदना" योजना मौजूदा आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB-PMJAY) पर आधारित है, लेकिन इसमें बुजुर्गों की विशेष जरूरतों को ध्यान में रखते हुए अतिरिक्त लाभ जोड़े गए हैं।

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"डॉ. भीम राव अंबेडकर की प्रेरणादायक यात्रा: एक समाज सुधारक और भारतीय संविधान के निर्माता"20 Apr 25

"डॉ. भीम राव अंबेडकर की प्रेरणादायक यात्रा: एक समाज सुधारक और भारतीय संविधान के निर्माता"

डॉ. भीम राव अंबेडकर, जिन्हें स्नेहपूर्वक बाबासाहेब के नाम से जाना जाता है, 14 अप्रैल 1891 को मध्य प्रदेश के महू नामक छोटे से नगर में जन्मे थे। वे महार जाति के एक ऐसे परिवार में जन्मे थे, जिसे उस समय समाज में भयंकर भेदभाव का सामना करना पड़ता था और जिसे 'अछूत' माना जाता था। बावजूद इसके, अंबेडकर के पिता, सूबेदार रामजी, ने यह सुनिश्चित किया कि उनके बच्चे अच्छी शिक्षा प्राप्त करें। उन्होंने सैन्य परिवारों को दी जाने वाली सुविधाओं का पूरा लाभ उठाया और अपने बच्चों को शिक्षा के लिए प्रेरित किया। यह प्रेरणा उन्हें न केवल व्यक्तिगत संघर्षों से जूझने की ताकत देती थी, बल्कि भारतीय समाज में समानता, न्याय और अधिकारों की स्थापना के लिए उनका मार्गदर्शन भी करती थी।

रेशा थदानी का चमचमाता बैंगनी मिनी ड्रेस पार्टी की जान बन गया18 Apr 25

रेशा थदानी का चमचमाता बैंगनी मिनी ड्रेस पार्टी की जान बन गया

हाल ही में एक इवेंट में रेशा थदानी ने अपनी आकर्षक और फैशनेबल उपस्थिति से सबका ध्यान खींचा। उन्होंने एक इलेक्ट्रिक बैंगनी मिनी ड्रेस पहनी, जिसमें एक ट्रेंडी काउल नेकलाइन थी, जो उनके लुक को और भी स्टाइलिश बना रही थी। इस ड्रेस के साथ रेशा ने अपनी लड़की-आगे वाली खूबसूरती को बखूबी उभारा। ड्रेस की चमक और डिजाइन ने उन्हें पार्टी की स्टार बना दिया, और उनका लुक एक परफेक्ट पार्टी स्टार्ट करने वाला था। रेशा का यह अंदाज न केवल फैशन के प्रति उनकी समझ को दिखाता है, बल्कि यह भी साबित करता है कि सिम्पल और ट्रेंडी फैशन का बेहतरीन मिश्रण कैसे किया जा सकता है।

श्रुति हासन का फैशन वापसी: ऑनलाइन फैशन कैंपेन में दिखा उनका दमदार अंदाज18 Apr 25

श्रुति हासन का फैशन वापसी: ऑनलाइन फैशन कैंपेन में दिखा उनका दमदार अंदाज

श्रुति हासन ने हाल ही में एक ऑनलाइन फैशन कैंपेन के लिए शानदार फैशन वापसी की। इस फोटोशूट में उन्होंने ग्रे लेदर की टाइट पैंट्स और ओवरसाइज क्रॉप टॉप पहना, जो उनके लुक को एक परफेक्ट मिश्रण बना रहा था – एक ओर स्ट्रक्चर्ड और दूसरी ओर अट्टीट्यूड से भरा। आउटफिट के जिपर डिटेल्स, वॉल्यूमिनस स्लीव्स और ओवरसाइज कॉलर्स ने उनके लुक को एक आत्मविश्वास से भरी हुई छवि दी, जो न तो ज्यादा कोशिश करती हुई दिख रही थी, और न ही ज्यादा साधारण। श्रुति का यह फैशन लुक न केवल उनके कूल और कंटेम्परेरी स्टाइल को दर्शाता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि कैसे ट्रेंडी और मजबूत फैशन का मेल उनकी अद्वितीय शैली को और भी खास बनाता है।

वर्ल्ड हीमोफिलिया डे 2025: योग निद्रा और माइंडफुलनेस से हीमोफिलिया का प्रबंधन कैसे करें18 Apr 25

वर्ल्ड हीमोफिलिया डे 2025: योग निद्रा और माइंडफुलनेस से हीमोफिलिया का प्रबंधन कैसे करें

वर्ल्ड हीमोफिलिया डे 2025 के अवसर पर, यह समझना महत्वपूर्ण है कि हीमोफिलिया के साथ जीना न केवल शरीर पर असर डालता है, बल्कि मानसिक स्थिति पर भी गहरा प्रभाव डालता है, जिससे तनाव और चिंता जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। जबकि चिकित्सा उपचार लक्षणों का प्रबंधन करता है, मानसिक स्वास्थ्य भी उतना ही महत्वपूर्ण है। योग निद्रा और माइंडफुलनेस जैसी प्राचीन तकनीकें इस प्रक्रिया में सहायक हो सकती हैं। ये विधियाँ न केवल मानसिक शांति और तनाव में कमी लाने में मदद करती हैं, बल्कि शरीर के भीतर ऊर्जा का संचार भी करती हैं, जिससे हीमोफिलिया से जूझने वाले व्यक्तियों को शारीरिक और मानसिक संतुलन बनाए रखने में मदद मिलती है। इन प्रैक्टिसेज के माध्यम से, व्यक्ति मानसिक और शारीरिक दोनों ही दृष्टिकोण से स्वस्थ और सशक्त महसूस कर सकते हैं।

वर्ल्ड हीमोफिलिया डे 2025: केवल पुरुष नहीं, महिलाएं और लड़कियां भी रक्तस्राव विकारों के प्रति संवेदनशील18 Apr 25

वर्ल्ड हीमोफिलिया डे 2025: केवल पुरुष नहीं, महिलाएं और लड़कियां भी रक्तस्राव विकारों के प्रति संवेदनशील

वर्ल्ड हीमोफिलिया डे 2025 के इस साल के थीम "Access for All: Women and Girls Bleed Too" के तहत, विशेषज्ञ यह समझा रहे हैं कि रक्तस्राव विकार केवल पुरुषों तक सीमित नहीं हैं। महिलाएं और लड़कियां भी इन विकारों का शिकार हो सकती हैं, और यह मुद्दा अब अधिक ध्यान आकर्षित कर रहा है। इस विशेष दिन पर, विशेषज्ञ भारत में बेहतर निदान, प्रारंभिक स्क्रीनिंग, और उन्नत उपचारों तक अधिक पहुंच की आवश्यकता को लेकर जोर दे रहे हैं। रक्तस्राव विकारों का सही समय पर इलाज और समझ दोनों ही जीवन को बेहतर बना सकते हैं। इस पहल से न केवल महिलाओं और लड़कियों को सही उपचार मिल सकेगा, बल्कि यह जागरूकता और शिक्षा फैलाने में भी मदद करेगा, जिससे समाज में इस समस्या के प्रति सही दृष्टिकोण विकसित हो सके।

Chronic दर्द बढ़ा सकता है डिप्रेशन का खतरा, नई स्टडी से हुआ खुलासा17 Apr 25

Chronic दर्द बढ़ा सकता है डिप्रेशन का खतरा, नई स्टडी से हुआ खुलासा

क्रॉनिक दर्द सिर्फ आपके शरीर को ही प्रभावित नहीं करता, बल्कि यह आपकी नींद में खलल डाल सकता है, ऊर्जा को नष्ट कर सकता है और आपके रोज़मर्रा के जीवन पर गंभीर असर डाल सकता है। यह केवल शारीरिक संघर्षों तक सीमित नहीं है। हाल ही में एक रिसर्च में यह पाया गया है कि क्रॉनिक दर्द और डिप्रेशन के बीच गहरा संबंध है। यह अध्ययन यह स्पष्ट करता है कि दोनों एक-दूसरे से कैसे जुड़े हुए हैं और एक व्यक्ति की मानसिक स्थिति पर इसका कितना गहरा प्रभाव पड़ सकता है। क्रॉनिक दर्द वाले व्यक्तियों में डिप्रेशन का खतरा ज्यादा होता है, और यह उनके जीवन की गुणवत्ता को और भी प्रभावित कर सकता है। यह जानकारी समझना जरूरी है ताकि लोग इन दोनों स्थितियों के बीच के संबंध को पहचान सकें और उपचार की दिशा में सही कदम उठा सकें।

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09 May 2025