पठानकोट, पंजाब (UNA) : — पाकिस्तान द्वारा पठानकोट क्षेत्र में ड्रोन हमले करने की लगातार कोशिशें सुरक्षा बलों द्वारा नाकाम कर दी गई हैं। सूत्रों के अनुसार, भारत की सुरक्षा एजेंसियों ने अब तक पाकिस्तान की ओर से भेजे गए 15 ड्रोन को सफलतापूर्वक मार गिराया है या इंटरसेप्ट किया है।
हालांकि सुरक्षा कारणों से इस्तेमाल की गई तकनीकों और रणनीतियों का विवरण सार्वजनिक नहीं किया गया है, लेकिन अधिकारियों ने बताया है कि सीमा पर हाई अलर्ट और चौकसी की स्थिति बरकरार है।
फिर भी, एक पाकिस्तानी ड्रोन सुरक्षा घेरे को चकमा देते हुए भारतीय सीमा में प्रवेश करने में सफल हो गया, जो पठानकोट की एक दुकान के पास आकर गिरा और इसमें अचानक विस्फोट हो गया। इस घटना के बाद आसपास के इलाके में हड़कंप मच गया और बड़ी संख्या में लोग मौके पर इकट्ठा हो गए। स्थानीय प्रशासन ने इलाके को घेर लिया है और ड्रोन के मलबे की जांच जारी है ताकि इसके पेलोड, मकसद और संभावित लक्ष्य का पता लगाया जा सके।
सुरक्षा एजेंसियों के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "हम क्षेत्र की शांति और सुरक्षा को भंग करने की कोशिशों से पूरी तरह वाकिफ हैं। हमारी सेनाएं हर प्रकार के खतरे से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।"
लगातार हो रही इन ड्रोन घुसपैठ की कोशिशों से भारत-पाक संबंधों में जारी तनाव की गंभीरता स्पष्ट होती है। भले ही अब तक किसी बड़े नुकसान की खबर नहीं है, लेकिन इन प्रयासों की बढ़ती संख्या चिंता का विषय बन चुकी है और सीमा पर हालात को और अस्थिर बना सकती है।
पठानकोट में गिराए गए ड्रोन की घटना की गहन जांच की जा रही है। सुरक्षा एजेंसियां इसके टुकड़ों का विश्लेषण कर रही हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि ड्रोन कहां से भेजा गया था, उसका मिशन क्या था और क्या इसका संबंध पाकिस्तान में सक्रिय किसी आतंकी संगठन से है।
स्थानीय लोगों को सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत अधिकारियों को देने की सलाह दी गई है। वहीं सुरक्षा बलों ने इलाके में गश्त और निगरानी और बढ़ा दी है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
यह पूरी स्थिति सीमा क्षेत्र की नाजुकता और सुरक्षा बलों के सामने खड़ी चुनौतियों की गंभीरता को उजागर करती है। पठानकोट जैसी संवेदनशील जगह पर लगातार ड्रोन हमले इस बात का संकेत हैं कि शांति बनाए रखने के लिए सुरक्षा एजेंसियों को और भी सतर्क रहना होगा। - UNA