नई दिल्ली, भारत (UNA) : - 22 अप्रैल को जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। इस हमले में [हमले के विवरण जैसे संख्या, जिम्मेदारी का दावा करने वाला समूह, यदि ज्ञात हो] की खबरें सामने आई हैं, जिसके बाद भारतीय सरकार ने त्वरित कार्रवाई की और पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी दी है।
हालांकि जांच के संबंध में अभी कुछ और जानकारी सामने आ रही है, भारत ने पाकिस्तान को नियंत्रण रेखा (LoC) के पास सुरक्षा स्थिति के बारे में अपनी चिंताएं व्यक्त की हैं। सूत्रों के अनुसार, दोनों देशों के बीच डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस (DGMO) स्तर की बातचीत के दौरान, भारत ने पाकिस्तान को संघर्षविराम उल्लंघनों को लेकर सख्त चेतावनी दी थी।
DGMO वार्ता के विशेष विवरण गोपनीय हैं, लेकिन यह समझा जा रहा है कि भारतीय पक्ष ने नियंत्रण रेखा के पास शांति बनाए रखने के अपने संकल्प को दोहराते हुए पाकिस्तान से सीमा पार आतंकवाद को रोकने की जिम्मेदारी लेने को कहा। भारत का यह लंबे समय से आरोप रहा है कि पाकिस्तान आतंकवादी समूहों को समर्थन और सुरक्षित आश्रय प्रदान करता है, जिसे इस्लामाबाद बार-बार नकारता रहा है।
"भारत ने हमेशा पाकिस्तान से अपनी सीमा के भीतर आतंकवादियों के ढांचे को नष्ट करने के लिए सत्यापनीय और अपरिवर्तनीय कदम उठाने की आवश्यकता पर बल दिया है," एक सूत्र ने मामले से अवगत व्यक्ति के हवाले से कहा।
हाल की घटनाएं भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों की नाजुक स्थिति को उजागर करती हैं। संघर्षविराम उल्लंघन और सीमा पार आतंकवाद के आरोप लगातार बने हुए हैं, जो द्विपक्षीय वार्ता और लंबित विवादों के शांतिपूर्ण समाधान के प्रयासों को बाधित कर रहे हैं।
जहां भारतीय सरकार ने पहलगाम हमले के जवाब में उठाए गए विशेष कदमों का सार्वजनिक रूप से खुलासा नहीं किया है, वहीं अधिकारियों ने क्षेत्र की सुरक्षा और सुरक्षा सुनिश्चित करने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की है। स्थिति अभी भी बदलती हुई है, और जांच जारी रहने और कूटनीतिक चैनल खुले रहने के कारण और घटनाक्रम की संभावना है।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी स्थिति पर कड़ी नजर रखे हुए है, और कई देशों ने भारत और पाकिस्तान से संयम बरतने और तनाव को कम करने तथा क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखने के लिए रचनात्मक संवाद में संलग्न होने का आग्रह किया है। - UNA