चेन्नई, तमिलनाडु - हिंदू धार्मिक एवं धार्मिक न्यास (HR&CE) मंत्री पी.के. सेकर बाबू ने हाल ही में अपने एक बयान से विवाद खड़ा कर दिया, जिसमें उन्होंने आधुनिक अपहरणों और हिंदू महाकाव्य रामायण में सीता के अपहरण के बीच समानताएं खींची।चेन्नई में एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान
मंत्री ने कहा, "रामायण में भी सीता का अपहरण हुआ था।" मंत्री का यह बयान महिलाओं की सुरक्षा के संदर्भ में था, जिसमें उन्होंने बताया कि महिलाओं के अपहरण का यह मुद्दा नया नहीं है और इसका ऐतिहासिक संदर्भ भी है।
उनके इस बयान के बाद प्रतिक्रियाओं का मिश्रण सामने आया है। कुछ धार्मिक समूहों और राजनीतिक विरोधियों ने इस टिप्पणी की आलोचना की है, उनका कहना है कि इस तरह के बयान से अपहरण के गंभीर मुद्दे को हल्के में लिया जा रहा है और रामायण का अपमान हो रहा है। उनका कहना है कि एक धार्मिक ग्रंथ में वर्णित ऐतिहासिक घटना को आज के अपराधों से जोड़ना न केवल असंवेदनशील है, बल्कि यह समाज पर भी गलत प्रभाव डाल सकता है।वहीं, कुछ समर्थकों ने मंत्री का बचाव किया है और उनका कहना है कि मंत्री का उद्देश्य इस बात को रेखांकित करना था कि महिलाओं के अपहरण का मामला एक ऐतिहासिक घटना है, न कि इसके प्रभाव को कम करना। उनका कहना था कि मंत्री ने केवल यह बताने की कोशिश की कि इस तरह की घटनाएं इतिहास में भी होती रही हैं।सेकर बाबू के नेतृत्व में HR&CE विभाग तमिलनाडु में हिंदू मंदिरों के प्रशासन और शासन के लिए जिम्मेदार है। उनके बयान को लेकर विवाद अभी भी जारी है, और यह धार्मिक ग्रंथों के विभिन्न दृष्टिकोणों और समाजिक मुद्दों से जुड़े बहसों में और इजाफा कर रहा है। इस बयान के बारे में मंत्री ने अब तक कोई और स्पष्टीकरण नहीं दिया है। यह घटना तमिलनाडु के राजनीतिक परिदृश्य में धार्मिक और सांस्कृतिक कथाओं की संवेदनशीलता को उजागर करती है।