26 फरवरी 2025 (UNA) : सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्या सेन, उनके परिवार के सदस्यों और कोच के खिलाफ कर्नाटक पुलिस को किसी भी प्रकार की सख्त कार्रवाई करने से रोक दिया। यह मामला सेन और उनके भाई चिराग सेन के जन्म प्रमाण पत्रों में कथित हेरफेर से जुड़ा है। जस्टिस सुधांशु धूलिया और के विनोद चंद्रन की पीठ ने कर्नाटक सरकार और शिकायतकर्ता एम. जी. नागराज को नोटिस जारी किया, जिन्होंने यह आरोप लगाया कि सेन भाइयों के जन्म प्रमाण पत्रों में हेरफेर की गई है।
यह मामला उस याचिका से संबंधित है, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक हाई कोर्ट के 19 फरवरी के आदेश को चुनौती देते हुए सुना। हाई कोर्ट ने सेन, उनके परिवार और कोच यू विमल कुमार द्वारा दायर याचिकाओं को खारिज कर दिया था। उच्च न्यायालय ने कहा था कि इस मामले में प्रथम दृष्टया जांच की आवश्यकता है।
यह मामला एक निजी शिकायत पर आधारित है, जिसे नागराज ने दायर किया था। शिकायत में आरोप लगाया गया कि सेन के माता-पिता धीरेंद्र और निर्मला सेन, उनके भाई चिराग, कोच और कर्नाटक बैडमिंटन संघ के एक कर्मचारी ने मिलकर सेन भाइयों के जन्म प्रमाण पत्रों में हेरफेर की थी। आरोपों के अनुसार, जन्म प्रमाण पत्रों में सेन भाइयों की उम्र लगभग दो साल छह महीने घटाई गई थी ताकि वे आयु-सीमा वाली बैडमिंटन प्रतियोगिताओं में भाग ले सकें और सरकारी लाभ प्राप्त कर सकें।
हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि इस मामले में जांच की आवश्यकता है, क्योंकि आरोप गंभीर हैं और प्रमाण पत्रों में कथित हेरफेर का मामला सामने आया है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए कर्नाटक पुलिस को किसी भी प्रकार की सख्त कार्रवाई से रोका है। - UNA