"मेरे हसबैंड की बीवी" ने दूसरे दिन पकड़ी रफ्तार, अर्जुन कपूर की फिल्म ने की शानदार कमाई23 Feb 25

"मेरे हसबैंड की बीवी" ने दूसरे दिन पकड़ी रफ्तार, अर्जुन कपूर की फिल्म ने की शानदार कमाई

23 फरवरी 2025 (UNA) : अर्जुन कपूर, भूमि पेडनेकर और रकुल प्रीत सिंह की तिकड़ी वाली रोमांटिक कॉमेडी फिल्म "मेरे हसबैंड की बीवी" ने 21 फरवरी को सिनेमाघरों में दस्तक दी, लेकिन शुरुआती दिनों में इसे बॉक्स ऑफिस पर उम्मीद के मुताबिक शुरुआत नहीं मिली। हालांकि फिल्म निर्माताओं ने टिकटों पर "बाय वन गेट वन" (BOGO) ऑफर भी दिया, इसके बावजूद फिल्म की पहले दिन की कमाई केवल ₹1.5 करोड़ ही रही।

फिल्म को दूसरे दिन, यानी शनिवार को थोड़ी गति मिली और उद्योग ट्रैकर Sacnilk के अनुसार, फिल्म ने शाम 7 बजे तक ₹82 लाख की कमाई की। फिल्म की कुल कमाई अब ₹2.32 करोड़ तक पहुंच चुकी है। हालांकि यह कलेक्शन विक्की कौशल की सुपरहिट फिल्म "छावा" के मुकाबले बेहद कम है, लेकिन फिर भी फिल्म धीरे-धीरे अपनी जगह बना रही है।

शनिवार को फिल्म की हिंदी भाषा में कुल 10.34 प्रतिशत ऑक्यूपेंसी रही, जिसमें सबसे अधिक दर्शक पुणे (24%), चेन्नई (20%) और मुंबई (19%) में देखने को मिले। इन शहरों में फिल्म को दर्शकों से बेहतर प्रतिक्रिया मिल रही है।

"मेरे हसबैंड की बीवी" के निर्माताओं को उम्मीद है कि सप्ताहांत में ऑन-स्पॉट बुकिंग्स के साथ फिल्म की कमाई में और बढ़ोतरी हो सकती है। फिल्म की हल्की-फुल्की कॉमेडी और अर्जुन, भूमि, और रकुल की केमिस्ट्री दर्शकों को आकर्षित कर रही है, जिससे आने वाले दिनों में इसके कलेक्शन में और सुधार की संभावना है। - UNA

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भारत के दिग्गज फिल्म निर्माता महेश भट्ट ने हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा विदेशी निर्मित फिल्मों पर 100% शुल्क लगाने के फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। भट्ट के अनुसार, यह कदम भारतीय फिल्म उद्योग, विशेष रूप से तेलुगू सिनेमा के लिए गंभीर परिणाम ला सकता है। महेश भट्ट ने एएनआई से बातचीत में कहा, "जब 100% शुल्क का जिक्र हो रहा था तो हमें लगा था कि हम सुरक्षित रहेंगे, लेकिन अब यह स्पष्ट हो गया है कि यह कदम हमारे लिए भी चुनौतीपूर्ण होगा।" उन्होंने कहा कि तेलुगू फिल्मों की अमेरिकी बाजार में खपत अधिक है, और इस शुल्क के कारण वितरण लागत दोगुनी हो जाएगी, जिससे फिल्में कम संख्या में वहां पहुंच पाएंगी। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि यदि एक वितरक पहले ₹100 में फिल्म खरीदता था, तो अब उसे ₹200 चुकाने होंगे। इससे फिल्म की पहुंच और प्रदर्शन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।