रवीना टंडन और बेटी राशा थडानी ने महाकुंभ में की गंगा आरती, परमार्थ निकेतन में लिया आशीर्वाद25 Feb 25

रवीना टंडन और बेटी राशा थडानी ने महाकुंभ में की गंगा आरती, परमार्थ निकेतन में लिया आशीर्वाद

25 फरवरी 2025 (UNA) : बॉलीवुड अभिनेत्री रवीना टंडन और उनकी बेटी राशा थडानी ने सोमवार को महाकुंभ का दौरा किया। उनके साथ कुछ करीबी दोस्त भी इस पवित्र यात्रा में शामिल थे। मां-बेटी की यह जोड़ी गंगा घाट पर शाम की आरती में भाग लेते हुए देखी गई, जहां उनके साथ स्वामी चिदानंद सरस्वती और अभिनेत्री कैटरीना कैफ भी इस आध्यात्मिक अनुष्ठान का हिस्सा बने।

24 फरवरी को, रवीना और राशा को परमार्थ निकेतन आश्रम में स्वामी चिदानंद सरस्वती (परमार्थ निकेतन आश्रम के अध्यक्ष) का आशीर्वाद लेते हुए देखा गया। परमार्थ निकेतन के आधिकारिक इंस्टाग्राम हैंडल पर कुछ तस्वीरें साझा की गईं, जिनमें रवीना और राशा स्वामी चिदानंद सरस्वती और साध्वी भगवती सरस्वती के साथ नजर आ रही हैं। इन तस्वीरों में रवीना और उनकी बेटी स्वामी जी के चरणों में झुककर उनका आशीर्वाद लेते हुए देखी जा सकती हैं। आश्रम में उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया, जिससे यह अवसर और भी खास हो गया।

यह आध्यात्मिक यात्रा रवीना और उनकी बेटी के लिए एक महत्वपूर्ण अनुभव रही, जिसमें उन्होंने न केवल मां गंगा की आरती में भाग लिया, बल्कि स्वामी चिदानंद सरस्वती का आशीर्वाद प्राप्त कर अपनी आस्था को और भी मजबूत किया। - UNA

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महेश भट्ट की चेतावनी: अमेरिकी 100% फिल्म शुल्क से तेलुगू सिनेमा को होगा बड़ा नुकसान06 May 25

महेश भट्ट की चेतावनी: अमेरिकी 100% फिल्म शुल्क से तेलुगू सिनेमा को होगा बड़ा नुकसान

भारत के दिग्गज फिल्म निर्माता महेश भट्ट ने हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा विदेशी निर्मित फिल्मों पर 100% शुल्क लगाने के फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। भट्ट के अनुसार, यह कदम भारतीय फिल्म उद्योग, विशेष रूप से तेलुगू सिनेमा के लिए गंभीर परिणाम ला सकता है। महेश भट्ट ने एएनआई से बातचीत में कहा, "जब 100% शुल्क का जिक्र हो रहा था तो हमें लगा था कि हम सुरक्षित रहेंगे, लेकिन अब यह स्पष्ट हो गया है कि यह कदम हमारे लिए भी चुनौतीपूर्ण होगा।" उन्होंने कहा कि तेलुगू फिल्मों की अमेरिकी बाजार में खपत अधिक है, और इस शुल्क के कारण वितरण लागत दोगुनी हो जाएगी, जिससे फिल्में कम संख्या में वहां पहुंच पाएंगी। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि यदि एक वितरक पहले ₹100 में फिल्म खरीदता था, तो अब उसे ₹200 चुकाने होंगे। इससे फिल्म की पहुंच और प्रदर्शन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।