नई दिल्ली, (UNA) : — भारत-पाकिस्तान सीमा पर बढ़ते तनाव और सैन्य गतिविधियों के बीच, पाकिस्तान पर आरोप लगे हैं कि वह जानबूझकर सीमा क्षेत्रों में नागरिक विमानों के लिए अपने हवाई क्षेत्र को बंद नहीं कर रहा है, जिससे यह आशंका जताई जा रही है कि पाकिस्तान संभावित भारतीय सैन्य कार्रवाई से बचने के लिए नागरिक विमानों का "ह्यूमन शील्ड" के रूप में उपयोग कर रहा है।
यह आरोप भारत द्वारा "ऑपरेशन सिंदूर" के तहत पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर मिसाइल और ड्रोन हमले करने के बाद सामने आए हैं। इन हमलों के बाद भारत ने अपने सीमावर्ती क्षेत्रों में नागरिक विमानों के लिए हवाई क्षेत्र बंद कर दिया है, जबकि पाकिस्तान ने ऐसा कोई कदम नहीं उठाया है।
भारतीय सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "पाकिस्तान का यह गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन नियमों के खिलाफ है।" उन्होंने आशंका जताई कि पाकिस्तान नागरिक विमानों को सक्रिय रखकर भारतीय मिसाइल या हवाई हमलों से बचने की कोशिश कर रहा है, जो अंतरराष्ट्रीय मानकों का गंभीर उल्लंघन है।
सुरक्षा विश्लेषकों और अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों के बीच इस मुद्दे पर बहस छिड़ गई है। यदि यह आरोप सही साबित होते हैं, तो यह अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानून का गंभीर उल्लंघन होगा और नागरिक यात्रियों की सुरक्षा के प्रति घोर लापरवाही मानी जाएगी।
पाकिस्तानी अधिकारियों ने अभी तक इन आरोपों पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। हालांकि, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भारतीय हमलों को "कायराना हमला" करार देते हुए कहा है कि भारत को इसके परिणाम भुगतने होंगे।
इस बीच, भारत ने अपने हवाई क्षेत्र में 27 हवाई अड्डों को बंद कर दिया है, जिससे 430 से अधिक उड़ानें रद्द करनी पड़ी हैं। अंतरराष्ट्रीय एयरलाइनों ने भी पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र से बचने के लिए अपनी उड़ानों के मार्ग बदल दिए हैं।
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चिंता बढ़ा दी है। संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका, चीन और रूस सहित कई देशों ने दोनों पक्षों से संयम बरतने और बातचीत के माध्यम से समाधान निकालने की अपील की है।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, यह आवश्यक है कि दोनों देश अंतरराष्ट्रीय कानूनों का पालन करें और नागरिकों की सुरक्षा को सर्वोपरि रखें। - UNA