18 अप्रैल 2025 (UNA) : पश्चिम बंगाल के मुरशिदाबाद जिले में हाल ही में हुई सांप्रदायिक हिंसा ने राज्य की सांप्रदायिक सद्भावना और राजनीतिक जवाबदेही पर गंभीर प्रश्न उठाए हैं। यह घटना आगामी 2026 विधानसभा चुनावों से पहले एक संवेदनशील मुद्दा बन गई है, जिससे राज्य की राजनीति में ध्रुवीकरण और बढ़ सकता है।
घटना का विवरण:
मुरशिदाबाद में हुई हिंसा में कई लोग घायल हुए और कई परिवार अपने घरों से विस्थापित हो गए। स्थानीय प्रशासन ने इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षा बलों की तैनाती की। हालांकि, इस हिंसा के कारणों को लेकर विभिन्न राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ:
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तृणमूल कांग्रेस (TMC) के नेता अभिषेक बनर्जी ने राज्य सरकार की ओर से सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने के प्रयासों की सराहना की और कहा कि जो लोग दंगे भड़काने की कोशिश कर रहे हैं, वे सफल नहीं होंगे।
भा.ज.पा. (BJP) ने ममता बनर्जी सरकार पर आरोप लगाया कि वह एक विशेष समुदाय को तुष्ट करने के लिए सांप्रदायिक राजनीति कर रही है, जिससे राज्य में सांप्रदायिक तनाव बढ़ रहा है।
न्यायिक हस्तक्षेप:कोलकाता उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को आदेश दिया है कि वे चुनावी हिंसा के कारण विस्थापित हुए लोगों को उनके घरों में पुनः बसाए और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करें।
मुरशिदाबाद में हुई हिंसा ने पश्चिम बंगाल की राजनीति में एक नई दिशा को जन्म दिया है, जहां सांप्रदायिक मुद्दे और राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप चुनावी रणनीतियों का हिस्सा बनते जा रहे हैं। राज्य सरकार, विपक्षी दल और न्यायपालिका सभी को मिलकर इस स्थिति को नियंत्रित करने और राज्य में शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे। - UNA