20 अप्रैल 2025 (UNA) : ट्रंप प्रशासन के दौरान, जब अमेरिका में पढ़ रहे हज़ारों अंतरराष्ट्रीय छात्रों के F-1 वीज़ा को बिना किसी पूर्व चेतावनी के रद्द कर दिया गया, तो इससे हड़कंप मच गया। इस फैसले के खिलाफ तीन भारतीय और दो चीनी छात्रों ने अमेरिकी गृह सुरक्षा विभाग (DHS) और अन्य इमिग्रेशन अधिकारियों पर न्यू हैम्पशायर की यूएस डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में मुकदमा दायर किया है।
छात्रों का आरोप है कि DHS ने "एकतरफा और गैरकानूनी रूप से" सैकड़ों, बल्कि शायद हज़ारों छात्रों के F-1 वीज़ा को खत्म कर दिया, जिससे वे अचानक अवैध प्रवासी की स्थिति में आ गए।
इस मामले में छात्रों का प्रतिनिधित्व कर रही संस्था अमेरिकन सिविल लिबर्टीज यूनियन (ACLU) ने अदालत में दायर याचिका में कहा है कि यह कदम न सिर्फ छात्रों के शैक्षणिक भविष्य को खतरे में डालता है, बल्कि उन्हें हिरासत में लिए जाने और देश से निकाले जाने के जोखिम में भी डालता है।
ACLU ने अपने बयान में कहा, “यह मुकदमा कोर्ट से अपील करता है कि वह इन छात्रों का वीज़ा स्टेटस बहाल करे, ताकि वे अपनी पढ़ाई पूरी कर सकें और उन्हें अमेरिका से बाहर निकाले जाने या गिरफ्तार किए जाने का डर न हो।”
यह मामला उस समय का है जब ट्रंप प्रशासन ने इमिग्रेशन से जुड़े कई कड़े कदम उठाए थे, जिनमें से एक यह था कि यदि कोई छात्र ऑनलाइन क्लासेस ले रहा है, तो उसे अमेरिका में रहने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इस फैसले का सबसे ज़्यादा असर अंतरराष्ट्रीय छात्रों पर पड़ा, जिनमें बड़ी संख्या में भारतीय और चीनी छात्र शामिल थे।
अब देखना यह होगा कि अदालत इस मुकदमे पर क्या फैसला देती है, लेकिन फिलहाल ये छात्र कानूनी लड़ाई लड़कर अपने भविष्य को सुरक्षित रखने की कोशिश कर रहे हैं। - UNA