17 फरवरी, 2025 (UNA) : महाराष्ट्र राज्य इस प्रकोप से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है, जहां अब तक 15 मौतें हो चुकी हैं। प्रकोप जनवरी के पहले सप्ताह में शुरू हुआ था, और फरवरी मध्य तक महाराष्ट्र में GBS के कुल 205 मामले सामने आए हैं। पुणे शहर में मामलों की संख्या ज्यादा है, और यहां पानी की गुणवत्ता में गड़बड़ी पाई गई है, जिसे प्रकोप के फैलने का संभावित कारण माना जा रहा है। पुणे नगर निगम ने पानी के दूषित होने के कारण कई निजी रिवर्स ऑस्मोसिस (RO) जल संयंत्रों को सील कर दिया है।
आंध्र प्रदेश:
आंध्र प्रदेश में हाल ही में एक और GBS मौत की रिपोर्ट आई है। एक 60 वर्षीय महिला की मौत हो गई, जो कुछ दिन तक वेंटिलेटर सपोर्ट पर थी। यह मौत राष्ट्रीय मृत्यु दर में योगदान कर रही है।
स्वास्थ्य प्रतिक्रिया
स्वास्थ्य अधिकारियों ने GBS के इलाज के लिए इम्यूनोग्लोबुलिन की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए हैं। GBS से पीड़ित मरीजों में मांसपेशियों की कमजोरी और संवेदनशीलता की कमी होती है, जिससे गंभीर जटिलताएं उत्पन्न हो सकती हैं यदि समय पर इलाज नहीं किया जाए।
निष्कर्ष
गिलियान-बैरे सिंड्रोम का प्रकोप भारत में एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या बन चुका है, खासकर महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश में। स्थिति की निरंतर निगरानी और प्रभावी उपायों की आवश्यकता है ताकि इसके प्रसार को नियंत्रित किया जा सके और और मौतों से बचा जा सके। - UNA