18 अप्रैल 2025 (UNA) : उपलब्धि पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गर्व जताते हुए इसे हर भारतीय के लिए गौरव का क्षण बताया।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने एक्स (X) पोस्ट में लिखा:
"गीता और नाट्यशास्त्र का यूनेस्को की ‘मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर’ में शामिल होना हमारे शाश्वत ज्ञान और समृद्ध संस्कृति को वैश्विक मान्यता देने जैसा है। ये ग्रंथ सदियों से सभ्यता और चेतना को पोषित करते आए हैं। इनकी शिक्षाएं आज भी दुनिया को प्रेरित कर रही हैं।"
पीएम मोदी ने इस खबर को साझा करते हुए केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का भी पोस्ट रीट्वीट किया। शेखावत ने लिखा:
"भारत की सभ्यतागत विरासत के लिए एक ऐतिहासिक क्षण! श्रीमद्भगवद्गीता और भरत मुनि का नाट्यशास्त्र अब यूनेस्को की मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर में दर्ज हो गए हैं। यह वैश्विक सम्मान भारत की शाश्वत बुद्धिमत्ता और कलात्मक प्रतिभा का उत्सव है।"
उन्होंने आगे कहा:
"ये कालजयी कृतियाँ केवल साहित्यिक धरोहर नहीं हैं—ये हमारे दर्शन और सौंदर्यशास्त्र की आधारशिला हैं, जिन्होंने भारत की सोच, अनुभव, जीवनशैली और अभिव्यक्ति को आकार दिया है। अब इस अंतरराष्ट्रीय रजिस्टर में भारत की कुल 14 प्रविष्टियाँ हो चुकी हैं।"
यह सम्मान भारत की उन सांस्कृतिक धरोहरों के लिए है, जिनकी प्रासंगिकता सदियों बाद भी बनी हुई है और जो पूरी मानवता के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। - UNA