नई दिल्ली, (UNA) : – वित्तीय सेवा विभाग (DFS) के सचिव श्री एम. नागराजु ने मुंबई में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (RRBs) की प्रदर्शन समीक्षा और उनके एकीकरण योजनाओं की प्रगति का मूल्यांकन किया। इस बैठक में नाबार्ड के अध्यक्ष, रिजर्व बैंक, SIDBI, प्रायोजक बैंकों और सभी RRBs के अध्यक्षों ने भाग लिया।
बैठक में 'एक राज्य, एक RRB' नीति के तहत चल रहे एकीकरण प्रयासों पर चर्चा हुई। श्री नागराजु ने प्रायोजक बैंकों से आग्रह किया कि वे RRBs को एकीकरण प्रक्रिया में मार्गदर्शन प्रदान करें और दीर्घकालिक स्थिरता के लिए समान अवसर सुनिश्चित करें। उन्होंने तकनीकी उन्नयन और मानव संसाधन से संबंधित मुद्दों को समयबद्ध तरीके से संबोधित करने पर भी जोर दिया।
वित्तीय वर्ष 2024-25 में RRBs ने ₹7,148 करोड़ का संयुक्त शुद्ध लाभ दर्ज किया है, जो एक दशक में सबसे कम 5.3% के सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (GNPA) के साथ है। देश भर में RRBs की 22,000 से अधिक शाखाएं हैं, जिनमें से 92% ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में स्थित हैं। thepublicworld.com
श्री नागराजु ने RRBs से कृषि, MSME और सरकारी योजनाओं के तहत ऋण वितरण बढ़ाने का आग्रह किया, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाया जा सके। उन्होंने प्रायोजक बैंकों और RRBs से अगले पांच वर्षों के लिए एक रोडमैप तैयार करने का भी सुझाव दिया।
यह समीक्षा बैठक ग्रामीण वित्तीय ढांचे को मजबूत करने और RRBs को ग्रामीण भारत के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। - UNA