18 अप्रैल 2025 (UNA) : ट्रंप प्रशासन द्वारा यह दावा करना कि वह किल्मार अब्रेगो गार्सिया को एल साल्वाडोर की जेल से छुड़ाकर अमेरिका वापस लाने के लिए कुछ नहीं कर सकता—एक ऐसा दावा है जिसे एक अमेरिकी संघीय अपील अदालत ने “चौंकाने वाला” करार दिया है।
गुरुवार को 4th यू.एस. सर्किट कोर्ट ऑफ अपील्स की तीन जजों की बेंच ने इस मुद्दे पर प्रशासन को झटका देते हुए साफ कहा कि वो निचली अदालत के उस आदेश को निलंबित नहीं करेगी जिसमें ट्रंप प्रशासन के अधिकारियों से शपथपत्र के तहत गवाही देने को कहा गया था। इसका उद्देश्य यह जानना है कि क्या अधिकारियों ने गार्सिया की वापसी सुनिश्चित करने के आदेशों का पालन किया या नहीं।
इस फैसले में न्यायाधीश जे. हार्वी विल्किंसन III, जिन्हें कभी रिपब्लिकन राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन ने नामित किया था, ने कड़े शब्दों में कहा,
“हमें अब भी उम्मीद है कि कार्यपालिका शाखा (Executive Branch) में हमारे सहयोगी 'कानून के शासन' को अमेरिकी पहचान का मूल मानते हैं।”
उन्होंने आगे लिखा,
“यह मामला उन्हें एक अनूठा अवसर देता है कि वे इस मूल्य की रक्षा करें और वह श्रेष्ठतम प्रस्तुत करें जो इस देश के भीतर अब भी मौजूद है—जब तक ऐसा करना संभव है।”
इस मामले ने अमेरिकी सरकार की कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच पहले से चले आ रहे टकराव को और गहरा कर दिया है।
गौरतलब है कि किल्मार अब्रेगो गार्सिया, जो अमेरिका का नागरिक है, एल साल्वाडोर की जेल में बंद है और उसके परिवार ने अमेरिकी अदालत में याचिका दाखिल की थी कि सरकार उसे सुरक्षित देश वापसी में मदद करे। लेकिन ट्रंप प्रशासन ने यह कहकर जिम्मेदारी से हाथ झाड़ लिए कि वो इस स्थिति में कुछ नहीं कर सकते।
अब अदालत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह कार्यपालिका की निष्क्रियता को सहन नहीं करेगी और कानून के शासन के संरक्षण में किसी भी हद तक जाने को तैयार है।
इस फैसले से ट्रंप प्रशासन पर कानूनी और नैतिक दोनों ही स्तरों पर दबाव बढ़ता दिख रहा है। - UNA