☀️ हीटवेव से बचने के लिए आम नागरिकों के लिए सुझाव:30 Apr 25

☀️ हीटवेव से बचने के लिए आम नागरिकों के लिए सुझाव:

  1. (UNA) : 

  2. पानी का सेवन बढ़ाएं: शरीर में डिहाइड्रेशन से बचने के लिए दिनभर पर्याप्त मात्रा में पानी और पेय पदार्थ पीते रहें।

  3. बाहरी गतिविधियों से बचें: दोपहर 12 से 4 बजे के बीच घर से बाहर निकलने से बचें, क्योंकि यही सबसे गर्म समय होता है।

  4. हल्के और ढीले कपड़े पहनें: सूती और हल्के रंग के कपड़े पहनना शरीर को ठंडा रखने में मदद करता है।

  5. धूप में सिर ढककर निकलें: टोपी, छाता या गमछे का उपयोग करें।

  6. ज्यादा मसालेदार और तैलीय खाना न खाएं: ऐसे खाने से शरीर का तापमान और बढ़ सकता है।


🌾 किसानों के लिए विशेष सुझाव:


  1. फसलों की सिंचाई सुबह या शाम करें: ताकि पानी की बर्बादी कम हो और तापमान से बचाव हो सके।

  2. मल्चिंग अपनाएं: मिट्टी की नमी बनाए रखने के लिए मल्चिंग (पत्तियां, भूसा आदि बिछाना) एक कारगर तरीका है।

  3. पशुओं को छायादार स्थान दें: गर्मी में पशुधन को लू लगने का खतरा ज्यादा होता है, इसलिए उन्हें ठंडी और हवादार जगहों पर रखें।

  4. मौसम विभाग की सलाह पर ध्यान दें: IMD की वेबसाइट या किसान कॉल सेंटर से मौसम की नियमित जानकारी लेते रहें।

  5. फसलों का बीमा कराएं: प्राकृतिक आपदाओं से नुकसान की भरपाई के लिए फसल बीमा योजना का लाभ उठाएं। - UNA

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"मई में लू का कहर: IMD की चेतावनी, सामान्य से ज्यादा तापमान और स्वास्थ्य पर खतरे की आशंका"30 Apr 25

"मई में लू का कहर: IMD की चेतावनी, सामान्य से ज्यादा तापमान और स्वास्थ्य पर खतरे की आशंका"

भारत में गर्मी ने दस्तक दे दी है, और भारतीय मौसम विभाग (IMD) की ताज़ा चेतावनी के अनुसार मई महीने में देश के कई हिस्सों में सामान्य से अधिक तापमान और लू की स्थिति देखने को मिल सकती है। मौसम विभाग के मुताबिक, इस बार तापमान औसतन 2 से 4 डिग्री सेल्सियस तक अधिक रहने की संभावना है, जिससे जनस्वास्थ्य और कृषि दोनों पर गंभीर असर पड़ सकता है। आईएमडी की बुलेटिन के अनुसार, उत्तर-पश्चिम, मध्य और पूर्वी भारत सबसे अधिक जोखिम में हैं। राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में 40 से 45 डिग्री सेल्सियस तक तापमान लगातार दो या उससे अधिक दिनों तक रहने की संभावना है — जिसे तकनीकी रूप से "हीटवेव" की श्रेणी में रखा जाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस चरम मौसम की प्रमुख वजह एल नीनो प्रभाव और जलवायु परिवर्तन है, जो हाल के वर्षों में मौसम की अनिश्चितता और तीव्रता को बढ़ा रहा है।