"बाबा साहब की विरासत: सामाजिक समता के लिए एक जीवन समर्पित"17 Apr 25

"बाबा साहब की विरासत: सामाजिक समता के लिए एक जीवन समर्पित"

17 अप्रैल 2025 (UNA) : यूएनए संवाददाता चंदौली बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर जी ने अपना पूरा जीवन सामाजिक समरसता बनाने के लिए बीता दिया। दलितों, पिछड़ों, शोषितों, दबे कुचले लोगों को न्याय दिलाने के लिए वे जीवन भर संघर्ष करते थे। यह कहना है पूर्व निदेशक, स्वास्थ्य सेवाएं उत्तर प्रदेश डॉ. कमल कुमार के। वे मंगलवार को क्षेत्र के मोहनपुरवा गांव में बाबा साहब भीमराव आंबेडकर स्मारक निर्माण समिति के तत्वावधान में आयोजित भारतरत्न बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर जी की 134वीं जयंती पर 'वर्तमान राजनीतिक परिस्थिति और बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर जी के विचारों की प्रासंगिकता' विषयक संगोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि अपने विचार व्यक्त कर रहे थे।
मुख्य अतिथि डॉ. कमल कुमार ने आगे कहा कि भारतीय समाज में व्याप्त जातिगत भावनाओं, छुआछूत, अस्पृश्यता आदि को खत्म करने के लिए पूरे जीवन इनसे लड़ते रहे। मुख्य वक्ता सकलडीहा पीजी कॉलेज के राजनीति विभाग के अध्यक्ष डॉ. शमीम राईन ने कहा कि व्यक्ति वहीं महान होता है, जो अपने साथ ही अपनी जाति समुदाय का का भी उद्धार करता है। बाबा साहब जिस सामाजिक व्यवस्था से जले थे, उसे बदलने के लिए पूरी जिंदगी संघर्ष करते रहे। कार्यक्रम के दौरान बाबा साहब के भव्य स्मारक एवं पुस्तकालय के निर्माण की रूपरेखा बनाई गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता ग्राम प्रधान पपौरा शमशेर राम ने, संचालन कामरेड श्रवण कुशवाहा ने धन्यवाद ज्ञापन इंकलाबी नौजवान सभा के जिलाध्यक्ष अनिल यादव ने किया। इस दौरान जोखू सिद्दीकी, केशव राजभर, प्रवक्ता अर्जुन यादव, प्रवक्ता अरुण कुमार, प्रवक्ता अरुण कुमार मौर्य, प्रवक्ता अजीत यादव बीएचयू आदि लोगों ने भी बाबा साहब के जीवन कृत्य पर अपने विचार व्यक्त किए।
इस अवसर पर अनिल पासवान, गायत्री देवी, जिला पंचायत सदस्य डॉ. फूलचंद राम, जिला पंचायत सदस्य गणेश प्रसाद, प्रवक्ता रामहरख चौधरी, श्यामदेई सकलडीहा, समाजसेवी आरबी यादव, सुनील यादव सोनी, उमाशंकर मास्टर, सुरेन्द्र राम शिक्षक, कृष्णा नंद आदि लोग मुख्य रूप से उपस्थित थे। - UNA

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